Home जयपुर   बिड़ला ऑडिटोरियम में 19वां हास्य कवि सम्मेलन

बिड़ला ऑडिटोरियम में 19वां हास्य कवि सम्मेलन

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  • कवि सम्मेलन में हास्य रंग, व्यंग्य के तीरों से गुदगुदाया श्रोताओं को

जयपुर (विश्व परिवार)। बिड़ला समागार में जैन सोश्यल ग्रुप्स इंटरनेशनल फैडरेशन रीजन के ग्रुप जैन सोशल ग्रुप कैपिटल की ओर से बुधवार की शाम आयोजित 19वें कवि सम्मेलन में देश के ख्यातनाम कवियों ने हास्य रस के साथ ही सामाजिक व्यवस्था, भ्रष्टाचार आदि पर जोरदार प्रहार करते हुए लोगों की तालियां बटोरी। सम्मेलन में दिल्ली के हास्य कवि अनिल अग्रवंशी, इंदौर के अतुल ज्वाला, मालवी के लाफ्टर फेम मनोज गुर्जर, कोटा के अर्जुन अल्हड़, दिल्ली के चेतन चर्चित और कवि सम्मेलन की सूत्रधार नीमच से आई हास्य और श्रृंगार की रचनाकार प्रेरणा ठाकरे ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का खासा मनोरंजन किया। सम्मेलन में आए लोग कवियों की रचनाओं में इस कदर डूबे कि हर रचना के बाद उन्होंने तालियों की बौछार से कवियों की हौसला अफजाई की।
मुख्य समन्वयक सुभाष चन्द्र जैन व जैन सोशल ग्रुप कैपिटल के अध्यक्ष अनिल रांवका ने बताया कि प्रारंभ में दीप प्रज्जवलनकर्ता समाज श्रेष्ठी व रत्न व्यवसायी विवेक-आशा काला,मुख्य अतिथि आलोक-मुक्ता जैन,गौरवीमयी अतिथि राजीव-सीमा गाजियाबाद,विषिष्ठ अतिथि प्रवीण-प्रिया बड़जात्या व अध्यक्षता कर रहे समाजश्रेष्ठी सुरेश -ललिता सबलावत व गौरवमयी अतिथि जेएसजीआईएफ के पूर्व अध्यक्ष राकेष जैन व कमल संचेती, जेएसजीआईएफ के डायरेक्टर महेन्द्र गिरधरवाल,मनीष झांझरी व सीएस जैन ने दीप प्रज्जवलन किया। इन सभी अतिथियों का मुख्य समन्वयक सुभाष चन्द्र जैन,समन्वयक सुधीर गंगवाल व राजकुमार काला, अध्यक्ष अनिल रांवका सचिव प्रमोद कुमार जैन सहित अन्य पदाधिकारियों ने तिलक,माला पहनाकर सम्मानित किया। फिर शुरू हुआ कवि सम्मेलन जिसमें दिल्ली से आए कवि हास्य कवि अनिल अग्रवंशी ने चेहरे पे हंसी व दिल में खुशी होती है,सही मायने में यही जिंदगी होती है,हंसना किसी इबादत से कम नहीं,किसी ओर को हंसा दो तो बंदगी होती है…जैसी कविता की पंक्तियां सुनाई,वही दिल्ली के हास्य कवि चेतन चर्चित ने मस्ती की बौछार है होली,रंगीला त्योहार है होली।चैत माह का स्वागत करती, नए बरस का द्वार है होली।बरसाने वाली लाठी की,कितनी मीठी मार है होली…जैसी काव्य पंखुड़ियों से कवि सम्मेलन की महफिल ही सजा दी।इस दौरान कवि सम्मेलन को परवान चढ़ाया मावेली से कवि व लाफटर फेम मनोज गुर्जर ने गुलशन में खिले फूल सी, होती है बेटियां,जीवन में बीज प्यार के, बोती है बेटियाँ। मत मारो इन्हें कोख में, बेटों की चाह में,होता हैं दर्द बाप को, रोती है बेटियाँ। इस अवसर पर मंच संचालन कर रहे इंदौर के हास्य कवि अतुल ज्वाला ने मुंड कटे और रुंड लड़े इतिहास हमे बताता है।खुद्दारी से जीना हमको राजस्थान सिखाता है।यहां राणा सा देशभक्त चेतक की स्वामिभक्ति है ।
घास की रोटी खा कर भी हम में जीने की शक्ति है।है राष्ट्र सुरक्षित जो भले की नोंक से कहते है ।
इस मिट्टी के कण कण में राणा प्रताप दिखाई देते है…जैसी कविता से श्रोताओ की खूब दाद पाई। इस मौके पर नीमच से आई कवयत्री डॉ.प्रेरणा ठाकरे व कोटा के हास्य कवि अर्जुन अल्हड़ ने भी काव्य पाठ किया। संचालन विनोद जैन कोटखावदा ने किया। इस मौके पर एनके सेठी, ज्ञान चंद झांझरी,नरेश रांका, विनय सोगानी, प्रदीप जैन लाला, सुभाष बज सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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