- विगत 16 मार्च 2025 को धर्मनगरी भाटापारा में परम पूज्य अपराजेय साधक,युगश्रेष्ठ आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज की
भाटापारा (विश्व परिवार)। 105 श्री दृढ़मति माताजी सहित 46 माताजी के विशाल संघ का भव्य आगमन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ नगर में हुआ ।
एक कतारबद्ध माताजी जब नगर मार्ग पर एक साथ विहार कर रही थी ऐसा लग रहा था मानो पूरा स्वर्ग धरा पर उतर आया हो। नगर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब इतने बड़े विशाल संघ की अगवानी एक साथ की गई हो,इस ऐतिहासिक पल को हर कोई अपनी आंखों में संजोना चाहता था, संपूर्ण जैन समाज गुरु माताओं की आगवानी के लिए लालायित थी।
जैन समाज अध्यक्ष सवाई सिंघई पीयूष जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि
डोंगरगढ़ में पूज्यआचार्य श्री विद्यासागर जी के समाधि स्थल से माताजी के संघ ने जैन धर्म की अलख जगाते हुए राजनांदगांव ,दुर्ग, भिलाई, रायपुर , नेवरा होते हुए भाटापारा में पदार्पण किया ।
जैन समाज के पदाधिकारी एवं श्रावकों ने विहार पर विभिन्न नगर में श्रीफल अर्पित कर भाटापारा आने हेतु निवेदन किया, जिसे माताजी ने स्वीकार कर अपने चरण इस धरा पर रखें ।
स. सिं.श्री अशोक पियूष रेखा बैग परिवार ने निवास के सामने माताजी का पाद प्रक्षालन का सौभाग्य प्राप्त किया ।
माताजी ने भाटापारा पहुंचते ही मंदिर में अतिशकरी मूलनायक भगवान महावीर स्वामी जी के दर्शन कर उपस्थित सभी भक्तों को अपना वात्सल्य पूर्ण आशीर्वाद प्रदान किया ।तत्पश्चात माताजी की आहारचार्य हेतु मंदिर के समक्ष सभी श्रावक श्राविकाओं ने ” हे माताजी वन्दामि वन्दामि” के जयघोष से की और पूरा वातावरण धर्ममय हो गया।भाटापारा नगर में प्रथम बार इतनी संख्या में गुरु माताओं का आगमन हुआ था जिसे देखने पूरा जन सैलाब उमड़ पड़ा।
भक्तिपूर्वक पूज्य माताजी श्री गुरमति जी का पड़गाहन का सौभाग्य कमेटी के उपाध्यक्ष विनोद मोदी परिवार को प्राप्त हुआ तथा अन्य सभी माताजी की आहार चर्या निरंतराय संपन्न हुई । पूज्य माता जी के दर्शन करने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष भाई अश्विनी शर्मा एवं पार्षद श्रेणीक गोलछा ने भी श्रीफल अर्पित कर नगर की सुख समृद्धि हेतु कामना की एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।
आर्यिका माताजीके दर्शन करने एवं अपने नगर पधारने हेतु निवेदन करने के लिए बिलासपुर ,अकलतरा, बलौदाबाजार, से भी श्रावक गण उपस्थित हुए तथा भाटापारा की मात्र 40 घर की जैन समाज द्वारा इतनी अच्छी सुव्यवस्थित की गई व्यवस्था से अत्यंत प्रसन्न हुए।
दोपहर के सामयिक के उपरांत नगर में सभी लोगों को धर्म लाभ देते हुए माताजी के संघ का बलौदा बाजार हेतु विहार हो गया,तथा सभी श्रावक उनके पीछे पीछे इस तरह दौड़े चले गए जैसे गुड के पीछे चिटी,और माता जी ने जाते जाते अपने पीछे भाटापारा केलिए एक नया इतिहास रच दिया।