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एनआईटी रायपुर एफआईई द्वारा नवाचार और उद्यमिता पर डॉ. सुरेश हावरे के विशेषज्ञ सत्र का आयोजन

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  • “किसी भी व्यवसाय को बढ़ाने की कुंजी नवाचार है” – डॉ. सुरेश हावरे

रायपुर (विश्व परिवार)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईई), एक तकनीकी व्यवसाय इनक्यूबेटर, ने “नवाचार और उद्यमिता में वास्तविक व्यावसायिक अंतर्दृष्टि” विषय पर डॉ. सुरेश हावरे द्वारा एक प्रेरणादायक विशेषज्ञ सत्र का सफल आयोजन किया। यह सत्र संकाय विकास कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया गया। डॉ. सुरेश काशीनाथ हावरे, अध्यक्ष, शासी निकाय, एनआईटी रायपुर, एक प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक, दूरदर्शी उद्यमी और सामाजिक सुधारक हैं। उन्होंने एनआईटी रायपुर के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छत्तीसगढ़ राज्य से चयनित 50 शिक्षकों, इनक्यूबेशन प्रबंधकों और उद्यमियों को संबोधित किया। उन्होंने विज्ञान, व्यवसाय और सामाजिक परिवर्तन में अपने समृद्ध अनुभव से नवाचार-संचालित उद्यमिता के महत्व पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। इस अवसर पर एनआईटी रायपुर के निदेशक, डॉ. एन. वी. रमना राव, वृत्ति विकास केंद्र के प्रमुख डॉ. समीर बाजपेयी, डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।
डॉ. हावरे ने अपने 27 वर्षों के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के अनुभव से लेकर वर्तमान में हावरे प्रॉपर्टीज और ग्रुप ऑफ कंपनीज, मुंबई के अध्यक्ष के रूप में अपने सफर को साझा किया। उन्होंने परमाणु ऊर्जा से रियल एस्टेट व्यवसाय में अपने परिवर्तन के बारे में बताते हुए कहा कि “किसी भी व्यवसाय को बढ़ाने की कुंजी नवाचार है।” उन्होंने व्यावसायिक गतिशीलता पर चर्चा करते हुए बिज़नेस साइकिल, ब्लू ओशन रणनीति, और प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने के लिए सतत नवाचार की आवश्यकता पर विस्तार से बताया। उन्होंने प्रतिभागियों को नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तकनीक, अनुसंधान और सतत विकास को एकीकृत करके ऐसे व्यवसाय स्थापित किए जा सकते हैं, जो न केवल आर्थिक रूप से सफल हों, बल्कि समाज पर सकारात्मक प्रभाव भी डालें। यह सत्र एनआईटी रायपुर एफआईई के इनक्यूबेटेड स्टार्टअप फाउंडर्स और अन्य प्रतिभागियों के बीच जोश और उत्साह से भरा रहा, जहां सभी ने नवाचार संचालित व्यवसायों की जटिलताओं को समझने और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से भाग लिया। सत्र के अंत में, डॉ. समीर बाजपेयी ने डॉ. सुरेश हावरे को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया और इस प्रेरणादायक सत्र के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
यह संकाय विकास कार्यक्रम नवाचार और उद्यमिता पर केंद्रित है और इसे शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से एनआईटी रायपुर एफआईई की टीम द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस टीम में संकाय प्रभारी डॉ. अनुज कुमार शुक्ला, अधिकारी प्रभारी पवन कटारिया, और बोर्ड निदेशक डॉ. समीर बाजपेयी शामिल हैं। इस गहन कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षाविदों, शिक्षकों, इनक्यूबेशन प्रबंधकों और स्टार्टअप संस्थापकों के बीच नवाचार-संचालित मानसिकता को विकसित करना है, जिससे शिक्षा और उद्यमिता के बीच की खाई को पाटा जा सके। यह कार्यक्रम 21 मार्च 2025 को संपन्न होगा।

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