Home छत्तीसगढ़ स्वदेशी मेले की तर्ज पर तीन दिवसीय कृषक उत्पाद मेला सह प्रदर्शनी...

स्वदेशी मेले की तर्ज पर तीन दिवसीय कृषक उत्पाद मेला सह प्रदर्शनी का शुभारंभ

41
0
  • कृषक उत्पादों की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता से बढ़ रहा एफ.पी.ओ. का बाजार : अनुज
  • एफ.पी.ओ. मेले से किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी : महापौर चौबे

रायपुर (विश्व परिवार)। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में स्वदेशी मेले की तर्ज पर बुधवार को से तीन दिवसीय कृषि उत्पादक संगठन मेला सह प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। छत्तीसगढ़ में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ शासन तथा लघु कृषक कृषि व्यापार संघ, भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 26 से 28 मार्च, 2025 तक तीन दिवसीय कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय, रायपुर के कृषि मंडपम् में आयोजित इस तीन दिवसीय एफ.पी.ओ. मेला सह प्रदर्शनी का उद्घाटन आज यहां धरसींवा विधायक श्री अनुज शर्मा ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौब तथा छत्तीसगढ़ नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री ज्ञानेन्द्र मणि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। मेले में छत्तीसगढ़ के विभिन्न कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा निर्मित प्रसंस्कृत एवं जैविक खाद्य उत्पाद प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु उपलब्ध है इनमें सुगंधित जैविक चावल ब्लैक राईस, रेड साईस, ग्रीन राईस, ब्राउन राईस, दालें, तिलहन, मसाले, मिलेट्स, मल्टीग्रेन आटा, विभिन्न फलों एवं सब्जियों के अचार, जैम, जैली, कैचप, चटनी, पापड़, कच्ची घानी का तेल, मखाना एवं जैविक गुड़ आदि प्रमुख हैं।
मेले का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि श्री अनुज शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है और देश भर में 10 हजार से अधिक एफ.पी.ओ. का गठन का लक्ष्य रखा गया है। श्री शर्मा ने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता एवं शुद्धता सही होने के कारण आम जनता का इन पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि आज यहां कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एफ.पी.ओ. मेले में 50 से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों की गणुवत्ता को देखकर यह विश्वास हुआ कि आने वाले समय में ये एफ.पी.ओ. भी मल्टीनेशनल कम्पनियों के उत्पादों को चुनौती दे सकेंगे। उन्होंने कहा आज यहां इस मेले में 50 से ज्यादा स्टॉल लगाये गये हैं आने वाले वर्षां में इनकी संख्या 500 तक हो सकती है। उन्होंने एफ.पी.ओ. मेले के आयोजन के लिए राज्य शासन के कृषि विभाग तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की तारीफ की। श्री शर्मा ने छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक किसानों को एफ.पी.ओ. से जुड़कर आय में वृद्धि करने का आव्हान किया।
नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने कहा कि किसान देश की रीढ है। किसान योद्धा की तरह अन्न का उत्पादन करते हैं, उन्हें सम्मान मिले यह हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि हमें अनाज के लिए किसानों पर ही निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन जो उत्पादकर्ता किसान हैं उन्हें उनके उत्पाद का वास्तविक मूल्य नहीं मिल पाता है। श्रीमती चौबे ने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादन करना और फिर उस उत्पाद के लिए बाजार उपलब्ध कराना चुनौती पूर्ण कार्य है, लेकिन कृषक उत्पाद संगठनों के माध्यम से किसान उत्पाद की सही कीमत प्राप्त कर सकते हैं। नाबार्ड छत्तीसगढ़ के मुख्य महाप्रबंधक श्री ज्ञानेन्द्र मणि ने इस अवसर पर कहा कि नाबार्ड द्वारा देश भर में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन का कार्य वृहद स्तर पर किया जा रहा है और देश भर में गठित होने वाले 10 हजार एफ.पी.ओ. में से 8 हजार एफ.पी.ओ. अकेले नाबार्ड द्वारा ही गठित किये जा रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि किसानों की आय में बढ़ोतरी करने में किसान उत्पादक संगठनों की महती भूमिका है। कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा फसलों का प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग कर इनका मूल्य संवर्धन किया जाता है जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होता है। किसान उत्पादक संगठनों द्वारा निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी रहती है और कीमत भी सही रहती है जिसकी वजह से ये उत्पाद लोकप्रिय हो रहे हैं। डॉ. चंदेल ने कहा कि भारत सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में पहली बार एफ.पी.ओ. मेला कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षां में इस मेले का आयोजन और भी भव्य एवं वृहद स्तर पर किया जाएगा। संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन की रूप-रेखा तथा महत्व बताया। निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.एस. टुटेजा ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय, रायपुर के अधिठाता डॉ. जी.के. दास विभिन्न अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष तथा कृषि वेज्ञानिक एवं प्रगतिशील कृषक उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय कृषक उत्पादक संगठन मेला सह प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के 50 कृषक उत्पादक संगठन शामिल हुए हैं। मेले में शामिल कृषक उत्पादक संगठनों के उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय भी किया जा रहा है। इस दौरान एफ.पी.ओ. के संचालन के विभिन्न विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस एफ.पी.ओ. मेला सह प्रदर्शनी में कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी, प्रगतिशील कृषक एवं कृषि से संबंधित एफ.पी.ओ. के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर जन-सामान्य हेतु मेला सह प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है जिसमें एफ.पी.ओ. के उत्पादों को क्रय भी कर सकते हैं।
एफ.पी.ओ. मेले में विभिन्न कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा निर्मित उत्पाद जैसे सुगंधित चावल – विष्णुभोग चावल, देवभोग चावल, जीराफूल चावल, तुलसी मंजरी चावल, ब्लैक राईस, रेड साईस, ग्रीन राईस, ब्राउन राईस, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, मशरूम बड़ी, मशरूम पापड़, मशरूम पाउडर, मशरूम अचार, महुआ लड्डू, शहद, बाजरा, कोदो, कुटकी, रागी, कच्ची घानी का तेल (सरसों का तेल, शीशम तेल और मूंगफली का तेल), मल्टीग्रेन आटा, रागी का आटा, चावल का आटा, कॉन्सेंट्रेट, हनी बी वैक्स, लिप बाम, फुट क्रीम, हर्बल साबुन, मोरिंगा पाउडर, फिनाइल, अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल, लाखड़ी दाल, पोहा, ज्वार, बाजरा, सफेद तिल के बीज का आटा, कुमकुम, हल्दी रोली, बेरी बिस्कुट, आम का अचार, कटहल का अचार, आंवला अचार, बांस का अचार, नींबू अचार, मिर्च अचार, हल्दी अचार, मिक्स अचार, सरसों, काजू, इमली, अमचूर लड्डू, गुड़, चीनी, गुड़ कैंडी आदि आम जनता हेतु प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उपलब्ध हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here