- 20 करोड़ बुजुर्गों का हक मार कर क्या हासिल करना चाह रही सरकार
- धार्मिक मुद्दों पर संवेदनशील सरकार बुजुर्गों की तीर्थ यात्रा में आड़े न आवे
- जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री व रेलवे मंत्री को लिखा पत्र
- प्रधानमंत्री के रायपुर प्रवास पर जैन संवेदना ट्रस्ट ज्ञापन देगा
रायपुर (विश्व परिवार)। जैन संवेदना ट्रस्ट ने सीनियर सिटीजन को कोरोना महामारी से पहले मिलने वाले रेल्वे कन्सेशन को पुनः चालू करने की मांग से संबंधित पत्र आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रेल्वे मंत्री अश्विनी वैष्णव लिखा । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी को छत्तीसगढ़ भगवान रामचंद्र जी के ननिहाल की माटी से बुजुर्गों को रेल्वे कंसेशन की घोषणा करनी चाहिए । कोचर व चोपड़ा ने आगे कहा कि 2025 के 2 . 65 लाख करोड़ रुपए के रेलवे बजट में बुजुर्गों के लिए 1700 करोड़ का रेल्वे कन्सेशन पुनः लागू न कर नरेन्द्र मोदी सरकार देश के 20 करोड़ सीनियर सिटीजन के साथ अन्याय कर रही है । जबकि सीनियर सिटीजन कन्सेशन से रेल्वे पर केवल 1700 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ता है । जैन संवेदना ट्रस्ट प्रधानमंत्री जी के रायपुर प्रवास पर ज्ञापन सौपेगा । वैसे भी रेल्वे ने कोरोना के बाद रेल्वे को कोरोना के दौरान नुकसान हुआ बताकर सभी ट्रेनों को स्पेशल घोषित कर 20 से 25 प्रतिशत अतिरिक्त वसूली अभी तक जारी है व कम दूरी की टिकिटों में 250 रुपये की पेनाल्टी वसूली की जा रही है । अभी भी कई रेगुलर ट्रेनें सुपर फास्ट के नाम से चलाकर अधिक किराया की वसूली बदस्तूर जारी है । कोचर व चोपड़ा ने कहा कि रेलवे की संसदीय समिति ने भी सीनियर सिटीजन को रेलवे टिकट में कन्सेशन दिए जाने की सिफारिश की है , अनेक सांसदों ने संसद सत्र में इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है फिर भी बुजुर्गों को रेलवे कन्सेशन न दिया जाना अन्याय है । जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री व रेल्वे मन्त्री को छत्तीसगढ़ में रेल्वे लाईन के लिए 2700 करोड़ की परियोजना लागू करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया लेकिन कोचर व चोपड़ा ने पत्र लिखकर सीनियर सिटीजन के हक का कन्सेशन शीघ्र आरम्भ करने की मांग की है । सीनियर सिटीजन कई माह से कन्सेशन का इंतज़ार कर रहे हैं कइयों को जीवन के अंतिम पड़ाव में तीर्थयात्रा करने का इंतज़ार है । धार्मिक विषयों पर संवेदनशील सरकार बुजुर्गों की तीर्थयात्रा में आड़े न आवे । ज्ञात हो कि सीनियर सिटीजन की महिलाओं को 50 प्रतिशत व पुरुषों को 40 प्रतिशत कन्सेशन दिया जाता है जोकि लम्बी दूरी की ट्रेन टिकट में गरीबों के लिए बड़ी राशि है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि सभी सुविधाओं को आरम्भ करने के बाद भी केन्द्र सरकार सीनियर सिटीजन के प्रति असंवेदनशील बनी हुई है । ट्रेनों के पुनः संचालन को आरम्भ करने के बाद रेल्वे ने तीन वर्षों में सीनियर सिटीजन के कन्सेशन के 8000 करोड़ से ज्यादा की राशि डकार ली है ।