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उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्र रायगुड़ेम में पेड़ के नीचे लगाई चौपाल

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  • ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं
  • कई विकास कार्यों की घोषणा
  • प्रशासनिक शिविर लगाकर दस्तावेज एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश

रायपुर (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी उपमुख्यमंत्री ने सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्र रायगुड़ेम का दौरा किया। उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने गुरुवार को रायगुड़ेम पहुंचकर न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया, बल्कि वहां चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनीं। उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री के दौरे से रायगुड़ेम के लोगों में नई उम्मीद जगी है। चौपाल में चर्चा के दौरान ग्रामीण अपने गांव के विकास और जीवन स्तर में बदलाव को लेकर बेहद आशान्वित दिखे।
उप मुख्यमंत्री शर्मा कोंटा विकासखंड स्थित रायगुड़ेम कैंप पहुंचे, जहां उन्होंने सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात की। इसके बाद वे बाइक पर सवार होकर दुर्गम इलाकों से गुजरते हुए ग्रामीणों के बीच पहुंचे और खुले मैदान में पेड़ के नीचे जनचौपाल लगाई। चौपाल के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी हर समस्या का समाधान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल से प्रशासनिक शिविर लगाकर सभी ग्रामीणों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, आयुष्मान कार्ड, और जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने गांव में बिजली पहुंचाने, सड़क निर्माण कार्य तेज़ी से पूर्ण कराने, सिंचाई के लिए स्टॉपडेम बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को खेती के लिए बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। तेंदूपत्ता की खरीदी होगी। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं बेहतर बनाया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आज तक आपके गांव में स्कूल, आंगनबाड़ी, अस्पताल, बिजली और सड़क नहीं पहुंच सकी थी, क्योंकि नक्सलियों ने विकास कार्यों को रोक रखा था। अब डरने की जरूरत नहीं है। सरकार ने हर जगह आपकी सुरक्षा के लिए कैंप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अब उनके अधिकारों और सुविधाओं से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। अगर किसी भी सरकारी सेवा में समस्या आती है, तो कलेक्टर और मुझे सीधे फोन करें।
गौरतलब है कि रायगुड़ेम लंबे समय से नक्सली गढ़ रहा है और यह नक्सली कमांडर मडवी हिडमा का गृह क्षेत्र भी है। इस इलाके में सरकारी पहुंच बेहद सीमित रही है, जिससे ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे। श्री शर्मा ने नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने और बिना शर्त शांति वार्ता की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वार्ता तभी संभव होगी जब नक्सली हिंसा का मार्ग छोड़ेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने देश की सबसे अच्छी नक्सल पुनर्वास नीति लागू की है, जिससे आत्मसमर्पण करने वालों को सम्मान जनक जीवन जीने का अवसर सुलभ हो सके।
कार्यक्रम के अंत में गृहमंत्री विजय शर्मा ने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत ग्रामीणों को आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया। इस दौरान बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी पी. सुंदराज, एसपी किरण गंगाराम चव्हाण, जिला सीईओ नम्रता जैन, सीईओ नवीन कुमार, 223 बटालियन टू आईसी सुरेश सिंह पायल, डीआईजी सूरज पाल वर्मा, सीईओ 74 बटालियन हिमांशु पांडे सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

प्रशासनिक शिविर लगाकर दस्तावेज एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश

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