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धर्म से जीवन श्रेष्ठ बनता है इसलिए धर्म को सुनकर ,ग्रहण कर,चिंतन कर जीवन में उपयोग कर मनुष्य जीवन को सार्थक करें : आचार्य श्री वर्धमान सागर जी

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  • मंदसौर में 9 अप्रैल को होगा भव्य मंगल प्रवेश

मंदसौर (विश्व परिवार)। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज का मंगल विहार मंदसौर के लिए चल रहा है 9 अप्रैल को प्रातः मंदसौर नगर में आचार्य श्री का भव्य मंगल प्रवेश होगा। बिहार के दौरान आयोजित धर्म सभा मेंआचार्य श्री ने प्रवचन में बताया कि सबका पुण्य है कि 84 लाख योनियों में भ्रमण करते हुए चार गति में मुख्य मनुष्य गति है क्योंकि मनुष्य ही नरक गति तिर्यचगति ,स्वर्ग के सुख दुख देख सकता है। स्वर्ग में केवल सुख मिलता है, नरक में दुख मिलता है मनुष्य और तिर्यच गति में सुख और दुख दोनों मिलता है मनुष्य जीवन में ज्ञान की महिमा बहुत है ज्ञान से आशय लौकिक ज्ञान के साथ-साथ धार्मिक ज्ञान से भी है यह मंगल देशनाआचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने धर्म सभा में प्रकट की। राजेश पंचोलिया अनुसार आचार्य श्री ने प्रवचन में बताया कि पुण्य से ज्ञान मिलता है और धर्म से पुण्य की प्राप्ति होती हैं भगवान के प्रतिदिन दर्शन करें तब कहिए कि आज मेरा जन्म सफल हो गया यही रोज कहना चाहिए धर्म को हृदय में उतरना होगा देव शास्त्र गुरु के दर्शन से कर्मों का छय होता है उसके लिए भाव और परिणाम अच्छे होना जरूरी है। आचार्य श्री ने श्रोता के गुण बताएं कि देव शास्त्र गुरु के समक्ष आप में धर्म की बात सुनने की इच्छा होनी चाहिए धर्म की बात सुनकर ग्रहण करें चिंतन करें और धर्म की बात को जीवन में अपनाने का प्रयास करे,जिस प्रकार आप धन का संग्रह करते हैं उसी प्रकार आपको धर्म का भी संग्रह करना चाहिए संग्रहित धर्म से बच्चों को भी संस्कारित करना चाहिए। धर्म से जीवन श्रेष्ठ बनता हैं शाम को श्री जी की आरती पश्चात आचार्य श्री की आरती का कार्यक्रम हुआ। ‌

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