पोंडी (विश्व परिवार)। वन परिक्षेत्र पाली के बतरा सर्किल ग्राम-बतरा एवं कन्हैयापारा में वन विभाग के द्वारा इएसआइपी योजना संचालित था। इस योजना में वनों के विकास, संवर्धन, संरक्षण के साथ-साथ वन क्षेत्र से सटे ग्राम का विकास एवं स्थानीय ग्रामीणों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराना मुख्य उद्देश्य है। इस योजना पांच वर्ष की है। स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महिला समूह का चयन किया गया। अलग-अलग महिला समूह में इएसआइपी योजना से संचालित स्व-रोजगार कार्य का चुनाव किया। इसमें मुर्गी पालन एवं मछली पालन, मछली पालन में बुढ़ादेव कन्हैयापारा एवं जय बुढ़ादेव कोडार 11-11 महिला सदस्य है।
इस दौरान मुर्गी पालन के पूर्व महिलाओं को कुशल प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। मुर्गी पालन के लिए सुविधा मुहैया कराई गई। इसके तहत मुर्गी पालन के लिए शेड, उपकरण, पानी व्यवस्था, चुजा और चारा, दवाई समूह को योजना द्वारा उपलब्ध कराया गया। दोनों स्व-सहायता समूह जय बुढ़ादेव कोडार एवं बुढ़ादेव कन्हैया पारा समूह को 1500-1500 नग ब्रायलर सोनाली कड़कनाथ चुूजे दिए गए। ब्रायलर चुजा विक्रय करने पर जय बुढ़ादेव को 2.50 लाख एवं बुढ़ादेव को 1.97 लाख रूपये आमदनी गुई। इस कड़कनाथ, सोनाली का इस योजना जय बुढ़ादेव महिला स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष का कहना है कि इस योजना से उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है और आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
इसी तरह पांच महिला स्व-सहायता समूहों जय महामाया महिला स्व-सहायता समूह भदरापारा, जय मां लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह नवाडीह, स्वच्छता समूह कोडार, दुर्गावती महिला स्व-सहायता समूह सोनसरी, जय सेवा महिला स्व-सहायता समूह कर्रानवापारा द्वारा ग्राम के समीप इएसआइपी योजना से तालाब गहरीकरण कराया गया था। इस योजना से ही समूह को मछली बीज दिया गया है और दवा मछली का चारा, जाली, आइस बाक्स उपलब्ध कराया गया। इस कार्य को सफल बनाने हेतु वनमंडलाधिकारी कटघोरा के निर्देश पर उप वनमंडलाधिकारी पाली चन्द्रकांत टिकरिहा, वन परिक्षेत्र अधिकारी पाली संजय लकड़ा ने अपने टीम के सदस्य बाबूलाल उरांव परिक्षेत्र सहायक बतरा, सतीश जांगडे वनरक्षक दकोडार, प्रेमकुमारी वनरक्षक बतरा की भूमिका रही।