रायपुर (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और धार्मिक परंपराओं के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस राज्य की पहचान इसकी विविधता में एकता, त्योहारों की भव्यता और धार्मिक आयोजनों की गरिमा से होती है। इन्हीं आयोजनों में एक है खारून गंगा महा आरती, जो प्रतिदिन महादेव घाट स्थित खारून नदी के पावन तट पर सम्पन्न होती है।
यह आरती न केवल प्रदेश की गहरी धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता, एकजुटता और सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार का भी एक मजबूत माध्यम है। परंतु हाल के दिनों में यह आयोजन कुछ असामाजिक तत्वों को खटकने लगा है। आयोजकों को आरती बंद करने की धमकियाँ दी जा रही हैं और जानबूझकर आयोजन में बाधाएँ उत्पन्न की जा रही हैं।
खारून गंगा आरती के प्रमुख आयोजक श्री वीरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट शब्दों में कहा
“मैं जेल चला जाऊं या मेरी हत्या कर दी जाए, लेकिन खारून गंगा आरती कभी बंद नहीं होगी। यह आरती हमारी आस्था की पहचान है और इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता।”
श्री तोमर ने बताया कि यह आयोजन निरंतर सनातन धर्म को जन-जन तक पहुँचाने, युवाओं को आध्यात्म से जोड़ने और समाज में सकारात्मकता फैलाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन दुर्भाग्यवश, कुछ लोग इस दिव्य परंपरा को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे शांति और श्रद्धा का वातावरण प्रभावित हो रहा है।
माँ खारून गंगा आरती महादेव घाट समिति प्रशासन और समाज के सभी वर्गों से अपील करती है कि वे इस धार्मिक आयोजन की रक्षा में साथ खड़े हों और ऐसे असामाजिक प्रयासों का विरोध करें।