कवर्धा (विश्व परिवार)। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नक्सलवाद की समाप्ति हेतु घोषित नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर 7 लाख रुपये के इनामी नक्सली दंपत्ति — रमेश उर्फ आटम गुड्डू एवं सविता उर्फ लच्छी पोयम — ने दिनांक 24 अप्रैल 2025 को कबीरधाम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। यह सफलता पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज अभिषेक शांडिल्य के मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक कबीरधाम धर्मेन्द्र सिंह के नेतृत्व में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के अंतर्गत मिली है। इस अभियान में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल, पंकज पटेल, डीएसपी नक्सल ऑप्स संजय ध्रुव ,कृष्ण कुमार चंद्राकर की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। आत्मसमर्पित नक्सली रमेश उर्फ आटम गुड्डू (29 वर्ष), प्लाटून नंबर 01, एमएमसी जोन, जीआरबी डिवीजन कमेटी का सक्रिय सदस्य था, वहीं उसकी पत्नी सविता उर्फ लच्छी पोयम (21 वर्ष) टांडा एरिया कमेटी की सदस्य के रूप में कार्यरत थी। दोनों बीते 8 वर्षों से एमएमसी क्षेत्र में सक्रिय रहकर नक्सली गतिविधियों में संलग्न थे। वर्ष 2019 में थाना भोरमदेव क्षेत्रांतर्गत बकोदा जंगल में हुई मुठभेड़ में रमेश घायल भी हुआ था। संगठन में रहते हुए रमेश के पास 12 बोर बंदूक तथा सविता के पास 8 एमएम रायफल रही है। आत्मसमर्पण का निर्णय उन्होंने संगठन में व्याप्त आंतरिक संघर्ष, अमानवीय व्यवहार, स्थानीय आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार, तथा जंगल में कठिन जीवन से त्रस्त होकर लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं उपमुख्यमंत्री (गृह) विजय शर्मा द्वारा प्रस्तुत आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत नक्सली दंपत्ति को तत्काल प्रत्येक को 25,000 की प्रोत्साहन राशि (कुल 50,000) नगद प्रदान की गई है। अन्य सुविधाएं शासन की पुनर्वास नीति के अनुसार शीघ्र प्रदान की जाएंगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा आत्मसमर्पित नक्सलियों के समुचित पुनर्वास हेतु पुलिस एवं प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। अब तक जिला कबीरधाम में कुल 11 नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं, जिनमें 10 इनामी नक्सली शामिल हैं। इस आत्मसमर्पण प्रक्रिया में जिला विशेष शाखा कबीरधाम में पदस्थ प्रधान आरक्षक 405 घनाराम सिन्हा, प्रधान आरक्षक 407 अभिजीत सिंह, आरक्षक 593 कृपाराम मेरावी, नव आरक्षक 255 लिब्रू उर्फ दिवाकर, नव आरक्षक 581 करन हेमला एवं आर. राय सिंह की सक्रिय भूमिका सराहनीय रही। कबीरधाम पुलिस का यह अभियान आगे भी नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करता रहेगा।