- स्वयं के साथ कुछ समय बिताना हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाता है – सरीता बाजपेयी
रायपुर। स्वयं के साथ कुछ समय बिताना हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाता है ऐसा करने से स्वयं को जानना भी आसान हो सकता है, और यदि आप स्वयं को जान लेते हैं तो आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं, आपको जीवन कठिन नहीं, वरन् सरल लगने लगता है।
ये सभी बातें तारवानी एंड एसोसिएट्स द्वारा आयोजित आर्टिकल स्टडी मीट में मोटिवेशनल स्पीकर सरीता बाजपेयी ने बताई I प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर सरीता बाजपेयी द्वारा “आर्ट ऑफ लिविंग”पर एक अद्भुत सत्र आयोजित किया गयाl
सरीता जी ने समझाया कि सही इरादा रखकर अगर हम पूरी निष्ठा से प्रयास करें, तो हम जीवन में जो चाहें वो पा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक रास्ता बंद हो जाए, तो कई और रास्ते होते हैं। जरूरत है मुस्कराते हुए उन्हें स्वीकार करने और प्रयास करने की। उन्होंने भस्त्रिका आसन कराया यह एक तेज गति का श्वसन अभ्यास है जिसमें जोर-जोर से सांस अंदर ली और बाहर छोड़ी जाती है। इसे “बलवान प्राणायाम” भी कहा जाता है और यह शरीर में ऊर्जा बढ़ाने, ऑक्सीजन की आपूर्ति सुधारने और मनोबल को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
सत्र को और भी रोचक बनाने के लिए, उन्होंने टॉम एंड जेरी के खेल के माध्यम से एक गतिविधि करवाई। इसमें “जेरी” ताली बजाता है और “टॉम”उसे रोकने की कोशिश करता है। इस खेल के माध्यम से उन्होंने यह सिखाया कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें अपने विश्वास और प्रयास में कमी नहीं लानी चाहिए। सभी प्रतिभागियों ने इस खेल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जीवन के गहरे पहलुओं को हल्के-फुल्के अंदाज में समझा। हमें वर्तमान में खुश रहना चाहिए। जीवन में जो गलतियाँ होती हैं, उन्हें स्वीकार करना ज़रूरी है, ताकि हम उन्हें अपने मस्तिष्क में बोझ की तरह न रखें और सहजता से आगे बढ़ सकें l सत्र के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि जब कोई हमारे साथ कुछ गलत करे, तो बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देने की बजाय पहले ठहरें, सोचें और फिर शांत होकर प्रतिक्रिया दें। इससे न केवल मानसिक शांति बनी रहती है, बल्कि संबंध भी खराब नहीं होते। उन्होंने जीवन की तीन महत्वपूर्ण कुंजियाँ बताईं: पहला (इरादा), दूसरा (ध्यान), तीसरा (साकार करना)l
सत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्टिकल्स ने भाग लिया, जिनमें सीए चेतन तारवानी,सीए भावना अजवानी, सीए सिद्धांत माखीजा , अर्पना नायक, रुपाली सोनी, मुस्कान शर्मा, नेहा जोतवानी, नाज़िया, दिव्यांशु धनवानी, उपासना देवनानी, तुषार सिंह राजपूत, कशिश ऐलसिंघानी, कोमल राठी, साधना साहू, मनीष असलानी, वंशिका अग्रवाल , देवेश गिदवानी, आर्ची नैनवानी, प्रशांत मथानी,लोकेश अग्रवाल , यशवर्धन सिंह यक्षा चावला शामिल थे। कार्यक्रम की संयोजक नेहा जोतवानी ने सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया और सम्मानित वक्ताओं के योगदान की सराहना की।
यह सत्र उत्साह, सकारात्मक ऊर्जा और गहरी जीवन शिक्षाओं से भरपूर रहा। हम सरीता बाजपेयी के आभारी हैं जिन्होंने हमें सिखाया कि जीवन सुंदर है, बस हमें खुद पर विश्वास करना है और हर पल मुस्कुराते हुए जीना है।