Home रायपुर स्थापना दिवस में बुज़ुर्गों की प्रस्तुति ने मन मोहा

स्थापना दिवस में बुज़ुर्गों की प्रस्तुति ने मन मोहा

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रायपुर (विश्व परिवार)। साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था ऋचा का स्थापना दिवस समारोह वृंदावन सभागार में आयोजित किया गया। स्व शांति यदु का रोपा पौधा यदु परिवार के संरक्षण और संस्था के समस्त सदस्यों के सहयोग से आज विशाल वटवृक्ष का रूप ले लिया है, संस्था को फलता फूलता देख निश्चित ही वो अत्यंत प्रसन्न होंगी। सचिव नीता श्रीवास्तव ने सर्वप्रथम माँ वीणापाणि के समक्ष अध्यक्ष डाॅ मंजुलाहर्ष श्रीवास्तव, कल्पना यदु, मंजु यदु ,अंजु यदु,ब्रिगेडियर प्रदीप यदु के हाथों दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत हुई। माँ शारदे की सुमधुर वंदना प्रस्तुत की वर्षा रावल ने।इस वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम ऋचा के पुरूष सदस्यों द्वारा प्रस्तुत की गई। और प्रस्तुतियों ने गजब का समां बांधा। प्रथम प्रस्तुति में डाॅ चितरंजन कर ने बेहतरीन भजन, गीत, और गज़ल सुनाई जिसके लेखक संगीतकार और प्रस्तुतकर्ता वे स्वयं थे ,तबले पर संगत दिया रूपेन्द्र श्रीवास्तव ने। 87 वर्षीय सुरेंद्र रावल जो उम्दा व्यंगकार भी हैं, ज्ञानदीप शीर्षक नाटक का एकल मंचन कर सभी को हैरत में डाल दिया। इस नाटक के लेखक निर्देशक और प्रस्तुतकर्ता भी सुरेंद्र रावल ही थे। गिरगिट नामक प्रहसन के मंचन ने तो अभिनय करने वाले समस्त साहित्यकारों के अभिनय की दक्षता पर मुहर लगा दी । मुख्य भूमिका में थे दिनेश गौतम जिनकी उम्दा अदाकारी ने तो जैसे गिरगिट को जीवंत ही कर दिया। पैरोडी गीत की प्रस्तुति ने जिसमें शादी ना करना यारों का जिक्र था दर्शकों को लोट-पोट होने पर मजबूर कर दिया इसके लेखक व संगीतकार ब्रिगेडियर प्रदीप यदु थे, और प्रस्तुत किया अपने साथी कलाकारों के साथ। शीर्षक लस्सी नामक नाटक ने श्रोतागणों की खूब तालियाँ बटोरी इसके मुख्य पात्र थे दिलीप वरवंडकर और इसकी स्क्रिप्ट राइटिंग और निर्देशन था के पी सक्सेना दूसरे का। कव्वाली की प्रस्तुति ने तो ऐसा रंग जमाया कि दर्शक झूम उठे ।शांति यदु ने ऋचा की नींव रखकर उसके मजबूत स्तंभों की जो कल्पना की थी उन्ही कल्पनाओं को अल्फाजों में पिरोया के पी सक्सेना ने और ऋचा के समस्त पुरूष सदस्यों ने मिलकर लाजवाब प्रस्तुति दी और खूब वाह वाही बटोरी।अभिनीत कलाकार थे – डाॅ सुरेश तिवारी, दिनेश गौतम, डाॅ चितरंजन कर, ब्रिगेडियर प्रदीप यदु, आलिम नकवी, दिलीप वरवंडकर, के पी सक्सेना दूसरे ।ऋचा संस्था मासिक गोष्ठी, संगीत का कार्यक्रम तथा हर वर्ष विभिन्न स्थानों पर भ्रमण का आयोजन भी करती है और ये सफरनामा 44 वर्षों से निर्बाध चल रहा है, उन्ही खूबसूरत यादों को समेटकर विडियों में दिखाया और सबने कैद कर लिया अपने जहन में। यदु परिवार अपनी माताजी स्व शांति यदु जो स्वयं प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा द्वारा “” एक्सलेंसी अवार्ड “” से सम्मानित थी उनके नाम से हर वर्ष दो वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मान प्रदान करता है। ऋचा की संरक्षिका कल्पना यदु के हाथों इस वर्ष यह सम्मान श्री गौहर जमाली को दिया गया । जो उम्दा शायर और लेखक के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा “”हसन अली अवार्ड “” से सम्मानित हो चुके है। कल्पना यदु ने दूसरा सम्मान कवयित्रि ,लेखिका श्रीमति लतिका भावे को प्रदान किया ,वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल को उनके जज्बा-ए-जुनून के लिये सम्मानित किया गया, कवयित्रि चंद्रकांता अग्रवाल को इंदुमति रावल सम्मान जो वर्षा रावल की माताजी थीं रावल परिवार ने प्रदान किया । नीलिमा मिश्रा ने अपनी बुआ श्रीमति शालिनी बोरगाँवकर की स्मृति में लेखिका मीना शर्मा को सम्मान प्रदान किया । संगीत के कार्यक्रम में खूबसूरत गीतों से महफ़िल सजाई गायक धर्मेंद्र रावल और सीमा वर्मा ने दर्शकों ने भी खूब आनंद उठाया , इस शानदार प्रोगाम का संचालन कर मंच को प्रवाह दिया मीना शर्मा ने।कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में अध्यक्षा डाॅ मंजुलाहर्ष श्रीवास्तव ने अपने स्नेहिल शब्दों से सबको आभार प्रेषित कर बधाई दी और कार्यक्रम समापन की घोषणा की ।

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