नई दिल्ली (विश्व परिवार)। पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार सातवीं रात संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया है. जम्मू-कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों में बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की गई है, जिसका भारतीय जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. यह गोलीबारी सिफऱ् एलओसी तक सीमित नहीं रही, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भी हुई।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों की घुसपैठ को आसान बनाना है. गोलीबारी की आड़ में आतंकवादी सीमा पार कर सकते हैं, और भारतीय सुरक्षाबलों का ध्यान भंग हो सकता है. यह अंदेशा और भी बढ़ जाता है क्योंकि पाकिस्तानी सेना ने कई अग्रिम चौकियों पर अपने झंडे उतार दिए हैं और युद्ध की आशंका में अग्रिम इलाकों में तोपखाने और टैंक तैनात कर दिए हैं।
यह गोलीबारी पहलगाम नरसंहार के बाद केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कूटनीतिक कदमों के प्रति पाकिस्तान की हताशा को दर्शाती है. छह दिनों से लगातार, रुक-रुक कर हो रही इस गोलीबारी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ा दिया है. गोलीबारी पुंछ, बारामूला, कुपवाड़ा, बांडीपोरा, राजौरी (सुंदरबनी और नौशहरा), मेंढर, रामपुर उड़ी, टीएमजी, टंगडार और परगवाल जैसे क्षेत्रों में हुई है।
भारतीय सुरक्षाबलों ने लगातार तलाशी अभियान चलाकर घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने का प्रयास किया है. घुसपैठरोधी तंत्र को भी मज़बूत किया जा रहा है और नियमित समीक्षा की जा रही है. हालांकि, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, गोलीबारी में भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन पाकिस्तानी सेना के नुकसान की जानकारी अभी तक नहीं मिली है।