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श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “ TEDRDM -2025 का समापन

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रायपुर (विश्व परिवार)। श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग के द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन “ टेक्नोलॉजिकल एंड एथिकल डिमेन्शन ऑफ़ रिसर्च डाटा मैनेजमेंट नैविगेटिंग द डिजिटल फोंटियर (TEDRDM -2025) राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन (RRRLF), कोलकाता द्वारा प्रायोजित हुआ और इसमें लाइब्रेरी साइंस के देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागियों ने भाग लिया उल्लेखनीय है कि नेशनल सेमिनार में छत्तीसगढ़ के अलावा विभिन्न प्रदेशो जिसमें राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक से 82 प्रतिभागियो ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिसमें लाइब्रेरी प्रोफेशनल ,शोधार्थी, लाइब्रेरी साइंस विद्यार्थी 38 प्रतिभागियो ने पेपर प्रस्तुत किये, इस दौरान प्रोसीडिंग ( कलेक्शन ऑफ़ सेमिनार पेपर्स ) का भी विमोचन किया गया।
सेमिनार में दूसरे दिन दो तकनीकी सत्र हुए जिसमे की-नोट स्पीकर के रूप में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय के पूर्व लाइब्रेरियन डॉ सुपर्णा सेनगुप्ता जी उपथित थे उन्होंने डाटा एथिक्स, प्लेगरिसम ,डाटा सिक्योरिटी पर अपना विचार रखा जिसको विद्यार्थियों और शोधार्थियों के ध्यान से सुना साथ ही उन्होंने ने शोधार्थियों के प्रश्नो का विस्तार से जवाब किया तकनिकी सत्र में उपस्थित वक्ताओं ने ” टेक्नोलॉजिकल एंड एथिकल डिमेन्शन ऑफ़ रिसर्च डाटा मैनेजमेंट नैविगेटिंग द डिजिटल फोंटियर ” पर अपनी अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे अनुसंधान डेटा प्रबंधन को बदल रहा है इसकी आवश्यकता को समझना और उपलब्ध उपकरणों की खोज करना, शैक्षणिक पुस्तकालयों में शोध डेटा के प्रबंधन में पुस्तकालयाध्यक्षों की भूमिका में चुनौतियों और अवसरों का एक व्यापक अध्ययन किया गया साथ ही कृषि पुस्तकालय अनुसंधान डेटा प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग के अवसर और चुनौतियां उन्होंने ज्ञान प्रतिमानों, विशेषताओं, कार्यों और सेवाओं के संदर्भ में पारंपरिक और आधुनिक पुस्तकालयों के तुलनात्मक विश्लेषण पर चर्चा की।
आधुनिक पुस्तकालयों के नए चलन और डिजिटल फ्रंटियर पर अनुसंधान डेटा प्रबंधन: नैतिक और तकनीकी अंतर्दृष्टिपूरे विश्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में किस प्रकार के शोध चल रहे हैं। पूरा सत्र बहुत ही संवादात्मक रहा। सभी प्रतिभागियों ने वक्ताओं और प्रस्तुतकर्ताओं के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की और अपनी शंकाओं को दूर किया।
अंत में वेलेडिक्टरी फंक्शन में मुख्य अतिथि के रूप में अमीठी विश्विद्यालय के वाईस चांसलर प्रोफेसर पीयूषकांत पांडेय जी ने टेक्निकल एडवांसमेंट का शिक्षा में प्रभाव और आने वाले भविष्य में इसकी सम्भावना पर अपने विचार रखे । विशिष्ट अतिथि के रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सुचना विज्ञानं के प्रोफेसर आदित्य त्रिपाठी जी ने कहा की आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के आ जाने से सुचना आसान तो हुई है किन्तु इसके प्रमाणिकता की जाँच अवश्य कर लेने चाहिए जब तक विषय विषय विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित न हो जाये कोई भी सुचना को सही होने का दावा नहीं किया जा सकता वेलेडिक्टरी फंक्शन में विश्विद्यालय के प्रो चांसलर श्री एस एस बजाज जी ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया इस अवसर पर प्रभारी कुलपति आर आर बिरली जी ने आधुनिक शिक्षा में टेक्नोलॉजी के महत्व के बारे में शोधार्थीयो को विस्तार से बताया।

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