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5 वर्षों से सीमांकन के लिए चक्कर काट रही बुजुर्ग आदिवासी महिला, अभी तक नहीं मिला न्याय

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गरियाबंद (विश्व परिवार)। नगर पालिका परिषद गरियाबंद निवासी मंगली बाई पति चैतूराम ध्रुव, जो अपने परिवार के साथ लंबे समय से अपनी पुस्तैनी भूमि के सीमांकन की मांग कर रही हैं, वह अब भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं। उनकी जमीन पर अज्ञात व्यक्ति का अवैध कब्जा होने के कारण पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से वे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं, लेकिन समाधान शिविरों में अब तक उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो सका है।आदिवासी की भूमि पर गैर आदिवासी व्यक्ति ने कब्जा कर फेंसिंग लगा लिया है।बुजुर्ग आदिवासी महिला मंगली बाई का कहना है कि उनके पति चैतूराम पिता जोगीराम के नाम पर नगर गरियाबंद, तहसील व जिला गरियाबंद में स्थित खसरा नंबर 435 और 779/6, कुल रकबा 0.2390 हेक्टेयर भूमि है, जिसका सीमांकन अति आवश्यक है ताकि उसपर खेती कर जीवन यापन कर सके व अवैध कब्जे को हटाकर काबिज हो सके।
बावजूद इसके, प्रशासन की सुस्ती और अनदेखी के कारण उन्हें बार-बार गरीब बुढ़िया को निराशा का सामना करना पड़ रहा है। पीड़िता ने प्रशासन से जल्द से जल्द सीमांकन कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है, ताकि उनकी जमीन पर उनका हक सुरक्षित रह सके।
इस संबध में तहसीलदार मयंक अग्रवाल से चर्चा में बताया की मेरे पास पूर्व का आवेदन नहीं पहुंचा था। इस आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आर आई की निर्देशित किया गया की जल्द से जल्द इनके भूमि का सीमांकन किया जायगा।

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