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जंगल सफारी में बारहवीं तक के छात्रों को मिलेगा निशुल्क प्रवेश, इको टूरिज्म को बढ़ावा देने मंत्री ने की बड़ी घोषणा

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HIGHLIGHTS

  • मानव-हाथी द्वंद रोकने सात जिलों तक होगा विस्तार
  •  वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, सहकारिता एवं कौशल विकास      मंत्री के अनुदान मांगों पर चर्चा

रायपुर (विश्व परिवार)।  छत्‍तीसगढ़ में इको टूरिज्म (Eco Tourism) को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ इको-टूरिज्म बोर्ड की स्थापना की जाएगी। वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, सहकारिता एवं कौशल विकास मंत्री के अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्तर पर इको-टूरिज्म का चलन बढ़ा है। राज्य के नैसर्गिक पर्यटन केंद्रों को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से इको-टूरिज्म बोर्ड की स्थापना किया जाएगा। कैंपा के कार्यों के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।

वन मंत्री ने कहा कि जंगल सफारी (Jungle Safari) में अब कक्षा पहली से बारहवीं तक छात्रों के निश्शुल्क भ्रमण कराया जाएगा। विधानसभा में चर्चा के दौरान 5,608 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गई। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में केदार कश्यप ने कहा कि प्रदेश में लगभग 44.24 प्रतिशत वन क्षेत्र हैं।

उद्यान, अभ्यारणों में आवश्यक संसाधन

वन मंत्री ने कहा कि राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों, टाइगर रिजर्व सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित पर्यावरण चेतना केंद्रों, नेचर सफारी और पर्यटन स्थलों के आसपास स्थानीय निवासियों को रोजगार देने तथा संबंधित वन समितियों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है। स्थानीय युवकों को राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे जंगल लाजेस एण्ड रिसार्ट कर्नाटक, बाम्बे नेचुरल, हिस्ट्री सोसायटी से नेचर-गाइड के रूप में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

मानव-हाथी द्वंद रोकने मिशन-बी का विस्तार सात जिलों तक

वन मंत्री ने कहा कि हाथी-मानव द्वंद को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत मानव-हाथी द्वंद को रोकने के लिए ‘मिशन बी’ योजना का विस्तार सात जिलों में किया जाएगा।

यह घोषणाएं भी हुईं

1. सरकार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष कार्ययोजना

2. चार प्रमुख वृहद परियोजनाओं अरपा-भैंसाझार, केलो जलाशय, राजीव-समोदा-निसदा-व्यपवर्तन एवं सोंढूर जलाशय के लिए बजट में 316 करोड़ रुपये का प्रविधान।

3.बस्तर संभाग में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार के लिए 2200 करोड़ की लागत वाली 350 योजनाएं।

4. ‘हरियर छत्तीसगढ़’ योजना के तहत 2431 हेक्टेयर क्षेत्र में 20 लाख से अधिक पौधे लगाने की योजना पर कार्य जारी।

5. मवेशियों के लिए स्थायी चारागाह की व्यवस्था सुनिश्चित करने प्रविधान।

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