- गिरनार तीर्थ क्षेत्र का वातावरण ठीक हो इसके लिए निकल रही है पदयात्रा
सागर (विश्व परिवार)। विश्व जैन संगठन द्वारा आयोजित अहिंसा रथ पर विराजमान जैन तीर्थंकर श्री नेमिनाथ भगवान की प्रतिमा के साथ जैन समाज द्वारा निकाली जा रही गिरनार पदयात्रा नमक मंडी स्थित गौराबाई जैन मंदिर शेर सुबह 7:30 बजे भाग्योदय के लिए रवाना हुई श्रद्धालु तिरंगा और जैन ध्वजा लेकर के साथ चल रहे थे। मंदिर में श्री जी का अभिषेक और शांतिधारा हुई।
पदयात्रा विजय टाकीज चौराहा, माता मढिया, राहतगढ़ बस स्टैंड, ओवरब्रिज, विद्या भवन, आईटीआई के सामने निर्यापक मुनिश्री योगसागर महाराज ससंघ ने श्रीजी की आगवानी की और दर्शन किए। इसके पश्चात् पदयात्रा भाग्योदय तीर्थ पहुंची। जैन तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान के मोक्षकल्याणक के अवसर पर 2 जुलाई को मोक्षस्थली गिरनार जी पहुंचेगी। इस यात्रा में सागर नगर के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। दोपहर बाद यह यात्रा सीहोरा के लिए रवाना हो गई।
भाग्योदय तीर्थ में विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन, रुचि जैन, अचल जैन और विनोद जैन का सागर जैन समाज के प्रमुख लोगों ने स्वागत किया । इस अवसर पर संजय जैन ने कहा की यह यात्रा पूरे भारत वर्ष के जैनों की ओर से है। इसमें कोई पंतवाद और संतवाद नहीं है। इस अवसर पर पूर्व विधायक सुनील जैन ने कहा कि जब वह विधायक थे उस समय वह गुजरात स्थित गिरनार तीर्थ क्षेत्र के मंदिर में दर्शन करते समय भगवान के चरणों को फूलों से ढक दिया गया था जब मैंने फूलों को अलग करने का प्रयास किया तो वहां बैठे एक व्यक्ति ने मुझ पर भाला तान दिया था। बाद में मेरे गनमेन ने उसको समझाया था वहां पर आवश्यकता है जैन समाज की एकता की ताकि गिरनार क्षेत्र में जैन समाज को अपने तीर्थराज की रक्षा करने में मदद मिले। इस अवसर पर मुकेश जैन ढाना ने कहा हमारी जनसंख्या कम है इसलिये सरकारें हमारे तीर्थ क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दे रही है। आगामी जनगणना में यदि हम जैन लिखना शुरू करेंगे तो निश्चित रूप से देश की वास्तविक जनसंख्या डेढ़ करोड़ से ऊपर आएगी तो सरकारें भी संख्या बल को देखते हुए हमारी समाज की बातों को सुनेगी और तीर्थ क्षेत्रों की रक्षा में मदद करेंगी। कार्यकम को रुचि जैन और अचल जैन ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर निर्यापक मुनिश्री योगसागर महाराज ने कहा 29 वर्ष पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के साथ महुआ चातुर्मास के उपरांत गिरनार जाने का अवसर मिला था। गुरुदेव ने उस समय लगातार 5 वंदना की थी। और वहीं से मांस निर्यात बंद करो आन्दोलन का शंखनाद किया था। उस समय वहां बहुत शांति थी। लेकिन धीरे धीरे अशांति बढ़ती गई दिल्ली के युवाओं ने यह यात्रा का आयोजन किया है। वह अत्यंत सराहनीय है उस क्षेत्र में लोग कम जा रहे हैं मैं सबसे कहता हूं। शिखरजी की तरह गिरनार जी की यात्रा सभी को करना चाहिए और माहौल भी बनाये रहना चाहिए जैन समाज के लोगों को उस क्षेत्र में बसाना चाहिए और सभी टौकों पर समाज के लोगों को भगवान और उनके चरणों के दर्शन हो ऐसी व्यवस्था करना चाहिए नीचें के मंदिरों में तो व्यवस्था है। लेकिन ऊपर के मंदिरों में नहीं है। 2 जुलाई को नेमिनाथ भगवान के जन्म कल्याणक पर वहां पर देश भर के लोगों को पहुंचना चाहिए। इससे सरकारों तक तीर्थ क्षेत्र की रक्षा के लिए बात पहुंचेगी।