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भारत अपने फैसले खुद करता है किसी तीसरे पक्ष, ट्रंप के मध्यस्थता के दावों के बीच जयशंकर की दो टूक

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नई दिल्ली (विश्व परिवार)। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों को बड़ा झटका दिया है। इस सैन्य कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था, जिस पर 10 मई को अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद सीजफायर की घोषणा कर दी गई। अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जयशंकर इन दिनों यूरोप दौरे पर हैं और डच सरकारी चैनल हृह्रस् को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने पहली बार खुलकर इस संघर्ष और सीजफायर पर बात की। उन्होंने कहा, अमेरिका यह भलीभांति समझता है कि भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, जो अपने हितों के आधार पर ही निर्णय लेता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल के हमले के जवाब में भारत का संदेश साफ था, अगर इस तरह के हमले दोबारा हुए, तो कड़ा और निर्णायक जवाब दिया जाएगा। आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कहीं भी छिपे हों – भारत में हों या पाकिस्तान में।
उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन के जरिए एक स्पष्ट संदेश गया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या, जो उनके परिवारों के सामने की गई, बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सीजफायर का क्रेडिट लेते हुए दावा किया था कि उन्होंने ट्रेड वार्ता के माध्यम से तनाव कम करवाने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि भारत ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया और साफ किया कि जम्मू-कश्मीर सहित भारत-पाकिस्तान से जुड़ा कोई भी मुद्दा केवल द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही सुलझाया जाएगा। जयशंकर ने भी यही दोहराया कि भारत अपने फैसले खुद करता है, और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है।
जयशंकर ने पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व पर सीधा हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तान के निर्णय धार्मिक सोच से प्रेरित होते हैं। वहां का नेतृत्व, विशेषकर आर्मी चीफ, ऐसे हमलों को उकसाने में शामिल रहा है।
गौरतलब है कि 7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (क्कश्य) में स्थित कई आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों से भारत के कई शहरों को निशाना बनाया।
इसके बाद, 10 मई को अचानक सीजफायर का ऐलान किया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को भी चौंका दिया। भारत का रुख अब साफ है — आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, और किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार।

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