सिंगोली (विश्व परिवार)। मंदिर में जो परंपरा विद्यमान है उसे बनाकर रखना चाहिए पुरानी आगम परंपरा को हटाकर नई व्यवस्था करना आगम के अनुरूप नहीं है इससे समाज खंडित होता है वर्तमान में समाज को संगठित होना जरूरी है समाज के संगठन से धर्म की प्रभावना होती है ,मंदिर का विकास सभी के सामूहिक प्रयासों से होता है ।भगवान के जिनालय में पूजन भक्ति कर मनुष्य जीवन को सफल बनाना चाहिए। मंदिर में जो अभिषेक एवं पूर्व से विराजित शासन देवी देवताओं को हटाना गलत है जो व्यवस्था पूर्व से चल रही उसे बदलना आगम अनुसार नहीं है उनका अनादर नहीं होना चाहिए यह मंगल देशना पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने सिंगोली नगर प्रवेश पर आयोजित धर्म सभा में प्रगट की ।राजेश पंचोलिया अनुसारआचार्य श्री ने उपदेश में आगे बताया कि प्रथमाचार्य श्री शांति सागर जी ने कर्नाटक महाराष्ट्र से उत्तर भारत सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर जी के लिए विहार किया तब भी नर नारी के अभिषेक पूजन के लिए चैत्यालय साथ में रहता था तब से वर्तमान तक यह परम्परा चल रही हैं।आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज ने दिगंबर जिनालयों के संरक्षण के लिए 1105 दिन से अधिक का अन्न आहार त्याग किया।जिनवाणी को भी ताम्र पत्रों पर अंकित कराया। वर्तमान में जिनालयों का दर्शन पूजन उन्हीं के कारण स्वतंत्रता पूर्वक सुलभ है। इसके पूर्व आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश 22 मई गुरुवार को प्रातः काल नगर में हुआ।समाज के अध्यक्ष चांदमल जी बगड़ा मंत्री निर्मल जी खटोड़, एवं पारस से प्राप्त जानकारी के अनुसार आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज से ससंघ 36 मुनिराजो का नगर मे विशाल संघ के साथ वर्ष 1998 के बाद दुसरी बार नगर में मंगल पदार्पण हुआ है। नगर प्रवेश के दोरान समाजजनों ने जगह-जगह आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन आरती उतारी ,वही 108 थाली मे आचार्य श्री का समाजजनों ने पाद प्रक्षालन किया जो यादगार क्षण था आचार्य श्री संघ का मंगल प्रवेश जुलूस नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पहुंचा जहा पर श्री जी के दर्शन किए व उसके बाद विद्यासागर सन्त निलय पहुंचें जहा पर धर्मसभा हुई सर्व प्रथम मंगलाचरण बालिका मण्डल द्वारा , आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के चित्र अनावरण समाज कार्यकारणी समिती सिंगोली व किशनगढ़ से पधारे समाजजनों द्वारा , दीप प्रज्वलन बिजोलिया समाजजनों ने , आचार्य का प्राद प्रक्षालन अनिल कुमार सामरिया परिवार झांतला व शास्त्र भेट कैलाशचन्द सौरभ कुमार बगड़ा द्वारा किया गया इस अवसर पर बोराव, धनगाव थडोद,किशनगढ़ झांतला ,बिजोलिया ,कोलकाता, विजयनगर, रावतभाटा बेगु आदि नगरो के समाजजन उपस्थित होकर नगर आगमन हेतु निवेदन किया।