रायपुर (विश्व परिवार)। छग सहित देश के संपूर्ण राज्यों में बीएड का पुराना चार वर्षीय कोर्स बंद कर दिया गया है नई शिक्षा नीति में बदलाव के तहत अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा शैक्षणिक सत्र 2026 में पुराने चार वर्षीय कोर्स को बंद कर एक वर्षीय बीएड कोर्स पास करना अब शिक्षक बनने के लिए बनाया गया है। इस कोर्स को बेचलर ऑफ एजुकेशन के नाम से जाना जाता है और कोर्स की अवधि एक वर्ष है। यह कदम नई शिक्षा नीति के अनुरूप लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में लचीलापन दक्षता और गुणवत्ता लाने के लिए छात्रों के शैक्षणिक परिणामों को सर्वोत्तम बनाने के लिए बनाया गया है। जो कम समय में शिक्षक बनने का सपना देख रहे है उनके लिए जिनके पास शिक्षा संबद्ध डिग्री नहीं है यह पाठ्यक्रम शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उठाया गया कदम है। पिछले कोर्स के अनुभवों के अनुसार एनईपी 2020 के सिफारिश के अनुसार बताया गया है कि 2014 में एनसीटीई द्वारा बीएड कोर्स की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष कर दिया गया था। इसके बढऩे के पीछे मुख्य कारण गुणवत्ता में सुधार और शिक्षकों को अधिक ज्ञान प्रशिक्षण देना था लेकिन समय के साथ उचित परिणाम नहीं मिलने से इस कोर्स में बदलाव किया गया है।
एक वर्षीय नया बीएड कोर्स एक स्नातकोत्तर स्तर का शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता दी गई है। इसका उद्देश्य कम समय में योग्य अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने की दिशा में जरूरी प्रशिक्षण का लाभ देना है यह कोर्स शैक्षणिक सत्र 2026 27 से प्रारंभ होगा तथा इसकी अधिसूचना एनसीईटी द्वारा 2025 में जारी की जाएगी। इस कोर्स की अवधि एक वर्ष की होगी। जिसमें दो सेमेस्टर होंगे। न्यूनतम प्रतिशत सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत एवं आरक्षित वर्गों के लिए 45 प्रतिशत लाना अनिवार्य है। कोर्स में अध्ययन के लिए अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है।