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एनएसयूआई ने किया अनोखा प्रदर्शन, ईमानदारी की आत्महत्या, कृषि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर किया

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रायपुर (विश्व परिवार)। एनएसयूआई ने कृषि विश्वविद्यालय में अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने यह प्रदर्शन भ्रष्टाचार के मामले को लेकर किया है। एनएसयूआई का आरोप है कि कृषि विश्वविद्यालय में की गई कई खरीदियों में भ्रष्टाचार किया गया है। विरोध प्रदर्शन में ईमानदारी की आत्महत्या को दर्शाया गया।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पुतले की शव यात्रा निकाली। यह शव यात्रा कृषि विश्वविद्यालय के मेन गेट से कुलपति के कार्यालय तक निकाली गई, इसके बाद सभी कार्यकर्ता कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता कुलपति से मिलने की मांग कर रहे थे। कुलपति से मिलने की मांग भष्टाचार मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर ही एनएसयूआई कार्यकर्ता कुलपति से मिलना चाह रहे थे, लेकिन कुलपति कार्यालय में मौजूद नहीं थे। फिर भी पर एनएसयूआई कार्यकर्ता कुलपति को बुलाने और उनसे बात करने की मांग को लेकर अड़े रहे। इस दौरान इन्होंने कई बार कुलपति कार्यालय के चैनल गेट को तोडऩे की भी कोशिश की। इस बीच बाहर काफी हंगामेंदार स्थिति देखने को मिली। हालांकि इन कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए चंद पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे, जो पूरे प्रदर्शन पर नजर बनाए हुए थे।
विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप
लगातार घोटाले का आरोप
एनएसयूआई के प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने आरोप लगाया कि कुलपति ने रोटी मेकर, कैमरा खरीदी सहित कई अन्य खरीदी में भ्रष्टाचार किया है। लगातार घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में भी घोटाला किया गया है। इन सभी को देखते हुए आज यहां पर ईमानदारी ने फांसी लगा ली है।
भ्रष्टाचार का आरोप
हेमंत पाल ने यह भी आरोप लगाया कि जब से यूनिवर्सिटी खुली, तब से यहां ईमानदारी थी, लेकिन जैसे ही कुलपति डॉ गिरीश चंदेल आए हैं, उनके द्वारा लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इसी दबाव में आकर ईमानदारी ने फांसी लगा ली।
कुलपति के इस्तीफे की मांग
हेमंत पाल ने कहा कि हमने कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के इस्तीफा की मांग की है. यूनिवर्सिटी शिक्षा का मंदिर था, उसे उन्होंने भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया है. वहीं एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने भी आरोप लगाया कि खरीदी में भ्रष्टाचार हो रहा है। मनपसंद ठेकेदारों को ठेका दिया गया है। छात्रों को मिलने वाला स्टाइपेंड रोक दिया गया है। इन सभी बातों को लेकर हम कुलपति से मिलने पहुंचे थे। पहले 1 महीने से लगातार प्रदर्शन के बाद भी कोई जवाब देने को तैयार नहीं है और कुलपति मिलने से इनकार कर रहे हैं।
मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
नीरज पांडे ने कहा कि अब तक किसी भी सरकारी विश्वविद्यालय में किसी भी राजनीतिक पार्टी के किसी भी कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं होती है, लेकिन एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन को यहां करने के लिए अनुमति दी गई है। यह दुर्भाग्य जनक है, इसका एनएसयूआई विरोध कर रही है7 यदि हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो आगे और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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