अहमदाबाद (विश्व परिवार)। गुजरात के अहमदाबाद प्लेन क्रैश (Ahmedabad Plane Crash) में 265 लोगों की मौत हो गई है। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां ये हादसा हुआ, वहां पेड़-पौधों से लेकर इंसान भस्म हो गए। वहां मौजूद कुत्ते और पक्षियां पल झपकते ही राख में तब्दील हो गए। वहीं ‘भगवद्गीता’ (हिंदू ग्रंथ) सही सलामत बच गई। 1,000 डिग्री सेल्सियस तापमान और भीषण आग के बीच भी उसके पन्नों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। मलवा हटा रहे लोगों को जब ‘भगवद्गीता’ मिला तो उसे चमत्कार मानने लगे।
दरअसल एयर इंडिया के अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान का क्रैश हो जाना एक ऐसा हादसा है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। प्लेन क्रैश साइट पर दो ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं जो विज्ञान और तर्क की सीमाओं से अधिक आस्था और चमत्कार की मिसाल बन गई हैं।
एक ओर, जहां इस दर्दनाक हादसे में 265 लोगों की जानें चली गईं। वहीं प्लेन में 11 A सीट नंबर पर बैठै रमेश विश्वास कुमार चमत्कारिक रूप से जिंदा बच गए। इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह रही कि हादसे के मलबे में एक भगवद्गीता का सही-सलामत हालत में मिलना। भीषण आग के बीच भी उसके पन्नों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ। मलवा हटा रहे लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे है।
राख से सुरक्षित मिली भगवद्गीता
हादसे के बाद जब राहत और बचाव दल मलबे को हटाने का काम कर रहे थे, तो उन्हें एक किताब दिखाई दी। जिसके पन्ने काले धुएं और राख के बीच भी नहीं जले। यह भगवद्गीता थी। राहत कार्य में लगे एक स्वयंसेवक ने बताया, हमें लगा कि किताब पूरी जल चुकी होगी, लेकिन जब पास जाकर देखा तो पाया कि पन्नों पर सिर्फ हल्की-सी कालिख है। आप उसे अभी भी आसानी से पढ़ सकते हैं। कोई पन्ना जला नहीं था। घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों और राहतकर्मियों ने इसे आस्था से जोड़ते हुए कहा कि ये महज इत्तेफाक नहीं हो सकता। इतने बड़े हादसे में जहां सबकुछ जल गया, वहां भगवद्गीता का इस तरह सुरक्षित मिलना किसी संकेत से कम नहीं है।
जहां एक ओर जांच एजेंसियां हादसे के पीछे के तकनीकी कारणों की पड़ताल में जुटी हैं, वहीं दूसरी ओर इन दो घटनाओं ने सोशल मीडिया में एक भावनात्मक लहर दौड़ा दी है। लोग भगवद्गीता की सलामती को दैवीय चमत्कार मान रहे हैं।
169 भारतीय समेत 265 लोगों की हुई है मौत
बता दें कि बता दें कि अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन 12 जून 2025 (गुरुवार) को दोपहर टेक ऑफ के दो मिनट बाद ही क्रैश हो गया था। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और 12 क्रू मेंबर्स समेत 241 लोगों की मौत हो गई थी। फ्लाइट नंबर AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे।
वहीं इस हादसे में सिर्फ एक भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक जिंदा बचे हैं। इस हादसे में कुल 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। दरअसल, आग लगते ही विमान 2.5 किमी दूर बीजे मेडिकल एंड सिविल हॉस्पिटल की बिल्डिंग से जा टकराया। इस बिल्डिंग में अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, इनमें 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं।