भोपाल (विश्व परिवार)। परम पूज्य गणिनी आर्यिका श्री सृष्टिभूषण माता जी ,आर्यिका श्री विश्वयशमति,श्री विमल मति,क्षुल्लिका श्री आप्त मति माताजी सहित पंचशील नगर भोपाल में विराजित है ।मंदिर में आयोजित धर्म सभा में माताजी ने बताया कि भौतिक सामग्री परिवार, मकान ,धन से व्यक्ति को क्षणिक सुख मिलता है वास्तविक सुख सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान ,सम्यक चारित्र रत्नत्रय धर्म धारण करने से प्राप्त होता है। राजेश पंचोलिया एवं समाज अध्यक्ष श्री संतोष कुंदन अनुसार माताजी ने आगे बताया कि भगवान के दर्शन स्तुति पूजा स्वाध्याय आदि धार्मिक कार्य भावपूर्वक निस्वार्थ करना चाहिए। इंद्री सुख क्षणिक है भौतिक सुविधा क्षणिक है इसे विरक्ति भाव आने पर रत्नत्रय धर्म धारण करने से शाश्वत सुख जन्म मरण से, आवागमन से छुटकारा मिलता है ।सभी को हर कार्य समय पर धरमपूर्वक करना चाहिए हमारा संबंध, संपर्क अच्छा या बुरा जैसा होगा वैसा हमें फल मिलेगा। लौकिक जीवन में आप चेहरे बदलते रहते हो, देव शास्त्र गुरु हमारे हितेषी मंगलकारी है उनके सामने मायाचारी नहीं होकर सरलता होना चाहिए। धर्म की वाणी सुनकर उसे अपनाना चाहिए तभी हमारा भला होगा।