Home रायपुर जीएसटी विभाग के बकाया समाधान योजना से वर्षों पुराने विवादित बकाया प्रकरणों...

जीएसटी विभाग के बकाया समाधान योजना से वर्षों पुराने विवादित बकाया प्रकरणों का हो रहा शीघ्र निराकरण

86
0
  • अब तक हितग्राहियों को 60.40 करोड़ की राहत
  • शासन को मिला 20 करोड़ रूपए का राजस्व 

    रायपुर (विश्व परिवार)-  वाणिज्यिक कर जीएसटी विभाग द्वारा वर्षों पुराने विवादित बकाया प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए एकमुश्त समाधान योजना 2023 लागू की गई है। योजना के माध्यम से व्यवसायियों के धन और समय दोनों की बचत हो रही है। साथ ही इससे विभाग के राजस्व में वृद्धि हो रही है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि फरवरी 2024 तक विभाग ने 9 हजार 852 प्रकरणों का निराकरण कर 60.40 करोड़ रुपए की राहत हितग्राहियों को दी गई है और इससे विभाग को 20 करोड़ का राजस्व भी प्राप्त हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए 31 मार्च 2024 तक ही आवेदन किया जा सकता है। योजना के अतंर्गत विभाग द्वारा कर राशि में 27.10 करोड़, ब्याज में 16.17 करोड़ और शास्ति में 16.58 करोड़ रूपए की राहत अब तक बकायादार व्यवसायियों को दी जा चुकी है। राज्य जी.एस.टी. विभाग से मिली जानकारी अनुसार रायपुर संभाग क्रमांक-1 में 2754, रायपुर संभाग क्रमांक-2 में 2051, बिलासपुर संभाग क्रमांक-1 में 974, बिलासपुर संभाग क्रमांक-2 में 2663 और दुर्ग संभाग में 1410 बकाया मामलों का निराकरण किया जा चुका है। गौरतलब है कि जी.एस.टी. विभाग की बकाया समाधान योजना में 50 लाख रूपए से कम बकाया वाले प्रकरणों में कर राशि का 60 प्रतिशत्, ब्याज 90 प्रतिशत् और शास्ति की पूरी राशि माफ करने का प्रावधान है। इसी तरह 50 लाख रूपए से अधिक राशि वाले प्रकरणों में कर राशि का 40 प्रतिशत, ब्याज का 90 प्रतिशत और शास्ति की पूरी राशि माफ करने का प्रावधान है। बकाया समाधान योजना की खास बात यह है कि जी.एस.टी. लागू होने के पहले के विधानों के अंतर्गत विक्रय कर, वाणिज्यिक कर, वैट कर के प्रांतीय, केन्द्रीय, प्रवेश कर, होटल कर और वृत्ति कर के मामले में बकाया राशि की वसूली के लिए लागू की गई है। योजना में सभी सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालयों, अपीलीय न्यायालयों में निगरानी अथवा शासन के समक्ष विचाराधीन प्रकरणों में लागू होगी। ऐसे प्रकरणों को न्यायालय से वापस लेकर योजना अंतर्गत लाभ लेने के लिए नि:शुल्क आवेदन किया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here