Home रायपुर एम्स में अब पूर्व सैनिकों के लिए ईसीएच की सेवाएं

एम्स में अब पूर्व सैनिकों के लिए ईसीएच की सेवाएं

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  • छत्तीसगढ़ के 30 हजार से अधिक सैनिकों और उनके परिजनों को होगा लाभ
  •  पूर्व सैनिकों को केशलैस और केपलैस चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी

रायपुर(विश्व परिवार) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के मध्य मैमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट किया गया है जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ के नौ हजार से अधिक सैनिकों और उनके 21 हजार से अधिक परिजनों को केशलैस और केपलैस स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। अब भूतपूर्व सैनिकों को एम्स में बिना किसी खर्च के इमरजेंसी सेवाओं सहित सभी प्रकार की चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

एमओए हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लेफ्टि जनरल पदम सिंह शेखावत, जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मध्य भारत क्षेत्र ने एम्स रायपुर को ईसीएचएस में शामिल किए जाने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि इसके माध्यम से 30 हजार से अधिक सैनिकों और उनके परिजनों को छत्तीसगढ़ में अब अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि एम्स राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। अब इसका चिकित्सक समुदाय अपनी सेवा भावना से पूर्व सैनिकों को भी चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।

कार्यपालक निदेशक लेफ्टि जनरल अशोक जिंदल (रिटा) ने कहा कि एम्स में सभी पूर्व सैनिकों को सेवा भावना के साथ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने ईसीएचएस और सेना अधिकारियों को एमओए के लिए त्वरित कार्यवाही के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि अब पूर्व सैनिकों को इमरजेंसी सहित सभी प्रकार की केशलैस चिकित्सा सुविधाएं एम्स में ही मिल सकेंगी।

ईसीएचएस के उप-प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जितेंद्र सिंह ने कहा कि ईसीएचएस अप्रैल 2003 में प्रारंभ की गई थी। उस समय इसके लाभार्थियों की संख्या 3.5 लाख थी जो अब बढ़कर 60 लाख हो गई है। वर्तमान में पूर्व सैनिकों को इस योजना के माध्यम से 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का उपचार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सैनिकों को चिकित्सा सेवाओं की काफी आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में एम्स का ईसीएचएच के साथ जुड़ने पर पूर्व सैनिकों को काफी लाभ मिलेगा।

कार्यक्रम में ब्रिगेडियर अमन आनंद, कमांडर, छत्तीसगढ़ और ओडिशा सब एरिया और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. रेनू राजगुरु सहित 350 से अधिक सैनिक, पूर्व सैनिक, एम्स के अधिकारी और छात्र उपस्थित थे।

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