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घर में गिरे उल्कापिंड को ले गए साइंटिस्ट, अजीब कानून से मिली मदद

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(विश्व परिवार)-अगर आपके घर पर अतरिक्ष आकर कोई उल्कापिंड गिर जाए तो क्या वह आपकी सम्पत्ति हो सकती है? शायद आप करेंगे नहीं! लेकिन एक व्यक्ति के साथ ऐसा ही हुआ. स्पेस से एक 14 किलो की चट्टान एक शख्स के पिछले हिस्से में गिरी उसे अध्ययन के लिए कब्जे में भी लिया गया लेकिन घर का मालिक इस पर कोर्ट गया और अब वह पत्थर कानूनी तौर पर उसी मालिक का है जिसके घर पर वह गिरा था |

अजीब वाकया स्वीडन के स्टॉकहोम के उत्र में उपलैंड में एक निजी मकान के पीछे कि हिस्से में हुआ. लोहे का यह उल्कापिंड 7 नवंबर 2020 को गिरा था और इसे पहले स्वीडिश म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री को सौंप दिया गया था | लेकिन स्वीडन के ही एक अजीब कानून की वजह से यह इस पत्थर को हटाई ना जा सकने वाली सम्पत्ति घोषित कर दिया गया |आखिर में इस कानून की वजह से अदालती लड़ाई का नतीजा यह हुआ कि सेविया कोर्ट ऑफ अपील ने इसे इम्मूवेबल प्रोपर्टी के तौर पर माना जिससे यह बड़ा सा पत्थर घर के मालिक जोहान बेनजेल्सटीएर्ना वॉन एन्जेस्ट्रोम की सम्पत्ति हो गया. इस अजीब से कानून का नाम एलेमैनस्रैटन है जिसमें पत्थरों और चट्टानों का वर्गीकरण और उनसे किसी स्थान से हटाने का कानूनी हक के बारे में बताया गया है |

इसी कानून की वजह से नतीजा यह हुआ कि कोर्ट को आदेश देना पड़ा कि इस पत्थर को भूगर्भ शास्त्री एड्रियास फोर्सबर्ग और एन्ड्रियास डजेटेरक्विस्ट को पत्थर उस घर से हटाना ही नहीं चाहिए था. शुरू मे इस पत्थर को म्यूजीयम को सौंप दिया गया, लेकिन घर के मालिक एन्जेस्ट्रोम ने इस फैसले के खिलाफ अपील की और उसने दावा किया कि यह पत्थर कानूनी तौर पर उसी की सम्पत्ति हो सकती है |
कोर्ट ने कहा कि हर को घूमने का तो हक है, लेकिन इससे किसी को यह हक नहीं मिल जाता कि वह किसी और की जमीन से उल्कापिंड ले जा सके. जज रॉबर्ट ग्रीन ने कहा कि उल्कापिंड हटाई ना जा सकने वाली सम्पत्ति के आती हैं जिस तरह के दूसरे पत्थर और चट्टानें आती हैं, भले ही यह ऐसा क्यों ना लगे कि कुछ पृथ्वी के बाहर ही से आकर गिरा है. एन्जेस्ट्रोम अपील में यही कहा गया था कि यह पत्थर तो उन पदार्थों से बना है जो धरती पर पहले से ही हैं |

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