(विश्व परिवार)-19 अप्रैल से देश में लोकसभा चुनाव के मतदान की शुरूआत होगी। अब मतदाताओं के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। चुनाव आयोग ने कहा कि अगर किसी मतदाता के पास वोटर कार्ड नहीं है तो उसे अन्य फोटो युक्त पहचान पत्र से अपनी पहचान को सत्यापित करना होगा।
इसके बाद वह अपना मत डाल सकेगा। मगर मतदाता सूची में नाम का होना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि देश में लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे। वहीं अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं।
इन दस्तावेज को दिखा कर सकेंगे मतदान
- आधार कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- बैंक या डाकघर की फोटोयुक्त पासबुक
- श्रम मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
- स्मार्ट कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट
- फोटो के साथ पेंशन दस्तावेज
- केंद्र या राज्य सरकारों या पीएसयू द्वारा जारी फोटो युक्त सेवा आई कार्ड
- सांसदों, विधायकों और एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र
- सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा जारी दिव्यांग आई कार्ड
त्रुटियों को नजरअंदाज करने को कहा
चुनाव आयोग का पूरा ध्यान इस पर है कि कोई वास्तविक मतदाता अपना मत देने से वंचित न रहे। आयोग ने राज्य चुनाव अधिकारियों को लिपिकीय या वर्तनी संबंधी त्रुटियों को नजरअंदाज करने को कहा है। हालांकि मतदाता पहचान पत्र से वोटर की पहचान को सत्यापित करना जरूरी होगा।
अगर दूसरी विधानसभा का है वोटर कार्ड तो क्या करें?
अगर किसी दूसरे विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी पत्र किसी मतदाता के पास है तो वह भी स्वीकार किया जाएगा। बस शर्त यह है कि मतदाता का नाम उस मतदान केंद्र की सूची में होना जरूरी है, जहां वह आया है।
मेल नहीं खाती तस्वीर तो ये करें
अगर किसी मतदाता की तस्वीर बेमेल है तो उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है। चुनाव आयोग द्वारा सूचीबद्ध उपरोक्त वैकल्पिक फोटो दस्तावेज को दिखाकर मतदाता अपना वोट डाल सकता है। वहीं अपने पासपोर्ट के विवरण के आधार पर पंजीकृत प्रवासी भारतीय की मतदान केंद्र पर पहचान सिर्फ उनके मूल पासपोर्ट के आधार होगी।