Home राजनीति चरणदास महंत की लाठी पीएम मोदी को मगर जख्मी हुए भूपेश बघेल?...

चरणदास महंत की लाठी पीएम मोदी को मगर जख्मी हुए भूपेश बघेल? समझिए छत्तीसगढ़ के रंग बदलते सियासत को

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 रायपुर(विश्व परिवार) छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ नेता डॉ0 चरणदास महंत। मध्यप्रदेश जैसे राज्य में दूसरे नंबर के ओहदेदार मंत्री रहे। चार बार सांसद। केंद्र में मंत्री। दो बार छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष। छत्तीसगढ़ विधानसभा का अध्यक्ष। और अब नेता प्रतिपक्ष। राजनीति में यह मौका सबको नहीं मिलता। महंत सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। इसका मलाल उन्हें रहेगा। मगर उसके अलावे कुछ बचा भी नहीं। पुराने लोगों ने मध्यप्रदेश के समय उनका जलजला देखा है। उतने बड़े राज्य के गृह मंत्री, फिर जनसंपर्क और वाणिज्यिक मंत्री भी। उस समय गृह मंत्री का रुतबा भी कुछ और होता था। महंत ने सियासत में ये मुकाम ऐसे ही हासिल नहीं किया। हालांकि, राजनीति में इंट्री के समय उनके पिता के नाम का फायदा मिला। मगर बाद में खुद अपनी जमीन बनाई। वे काफी मिलनसार, लो प्रोफाइल वाले और सोच-समझकर बात करने वाले नेता माने जाते हैं। करीब तीन दशक की सियासत में कभी भी वे विवादों में नहीं आए। यहां तक कि कांग्रेस की सरकार के समय उन्हें हांसिये पर रखने का प्रयास किया गया तब भी चुप ही रहे।

मगर लोकसभा चुनाव 2024 के संग्राम के दौरान उन्होंने इस हफ्ते दो ऐसी बातें कह दी कि कांग्रेस पार्टी ही नहीं, छत्तीसगढ़ की सियासत में उसके गूंज खतम नहीं हो रही है। पहली बात…कोरबा लोकसभा सीट से उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। कोरबा में प्रचार के दौरान महंत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अभी तक चुनावी माहौल बनाने में कामयाब नहीं हो पाई है। और दूसरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाठी मारकर सिर फोड़ देना चाहिए। हालांकि, दूसरे वाले बयान से उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि छत्तीसगढ़ी नहीं समझने वाले लोग जानबूझकर बात को बतंगड़ बना रहे हैं…प्रधानमंत्री के प्रति उनका पूरा आदर है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री के बगल में मुस्कुराते हुए बैठे अपनी एक फोटो भी जारी कर दी।

अपने ही पोस्ट में गोल?

दरअसल, 11 लोकसभा सीटों में से दो-एक जगह को छोड़ दें, तो कांग्रेस पार्टी की स्थिति काफी खराब है। कई प्रत्याशी तो अकेले प्रचार पर निकल रहे। उनके साथ कोई कांग्रेसी नहीं जा रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा कि प्रत्याशियों ने पहले से ही मान लिया है कि नतीजा क्या आएगा? लेकिन, महंतजी जैसे हाइट का कोई नेता ऐसी बातें कहेगा तो उसकी अनुगूंंज होगी ही। कांग्रेस की सियासत में इस पर चुटकी ली जा रही कि पार्टी की स्थिति खराब होने का मतलब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर अप्रत्यक्ष हमला है। क्योंकि चार महीने पहले तक सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश ही थे। तो कांग्रेस पार्टी की स्थिति का जिम्मेदार महंतजी आखिर किसे मानेंगे। उधर, प्रधानमंत्री को लाठी मारने की बात को भी कांग्रेस के लोग भूपेश के खिलाफ बता रहे हैं। सियासी पंडितों का भी कहना है कि राजनांदगांव में अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का वर्तमान सांसद संतोष पाण्डेय से सीधा मुकाबला था। जाहिर है, संतोष के सामने भूपेश का नाम बड़ा था ही।

लाठी मारने के बयान के बाद महंत नेशनल लेवल पर चर्चा में आए ही, अब मोदी का नाम सामने आ जाने पर राजनांदगांव में भूपेश के सामने संतोष पाण्डेय से ज्यादा मोदी की चर्चा होगी। और मोदी के सामने फिर भूपेश बघेल कहां टिक पाएंगे। कांग्रेस में जो चल रहा, उसे पार्टी का अंदरुनी मामला बताया जा रहा। कांग्रेस के लोगों का कहना है कि ये तो होना ही था…सरकार में रहते हुए सीएम भूपेश और स्पीकर महंत के रिश्ते हमेशा तल्ख रहे। तो फिर अब सरकार के नही रहने पर रिश्ते सहज कैसे हो सकते हैं। मगर इससे बीजेपी का काम आसान होता जा रहा है। कांग्रेस के लोग ही अब स्वीकारने लगे हैं छत्तीसगढ़ में चुनाव में पार्टी का बंटाधार होना निश्चित है…बीजेपी छत्तीसगढ़ में रिकार्ड जीत दर्ज करने जा रही है।

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