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एनआईटी रायपुर में विश्व पर्यावरण दिवस पर हुआ जागरूकता और प्रतिबद्धता का भव्य आयोजन

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रायपुर (विश्व परिवार)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), रायपुर में 5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस बड़े उत्साह और समर्पण के साथ मनाया गया। “इंड प्लास्टिक पॉल्यूशन ग्लोबली” थीम पर आधारित यह आयोजन शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के तहत संपन्न हुआ। 31 मई से 5 जून तक चले इस जागरूकता अभियान में वॉकेथॉन, पोस्टर मेकिंग, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट, जागरूकता रैली, प्लास्टिक संग्रहण अभियान, शपथ ग्रहण समारोह और प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट का औद्योगिक भ्रमण जैसी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इन सभी कार्यक्रमों का संचालन डॉ. डी. सी. झरिया, डॉ. गोविन्द पी. गुप्ता और डॉ. कबिता बिस्वास शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया।
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत ग्रीन चैंपियन कार्यक्रम से हुई, जिसमें पर्यावरण अनुकूल यातायात का उपयोग करने वाले प्रतिभागियों को “ग्रीन चैंपियन” बैज प्रदान किया गया और उन्हें ईको-थीम सेल्फी स्टैंड पर फोटो खिंचवाने का अवसर भी मिला। इस पहल का उद्देश्य छोटे-छोटे प्रयासों के माध्यम से बड़े बदलाव के लिए लोगों को प्रेरित करना था।
इसी क्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने निवास से पैदल चलकर कार्यालय पहुंचे और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के विशेष सेल्फी पॉइंट पर तस्वीर भी खिंचवाई।
समारोह के दूसरे चरण में आयोजित पुरस्कार वितरण एवं शपथ ग्रहण समारोह में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET), रायपुर के निदेशक डॉ. आलोक कुमार साहू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव विशिष्ट अतिथि रहे। इस अवसर पर संस्थान के रजिस्ट्रार डॉ. नरेंद्र डी. लोंढे, डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) डॉ. मनोज कुमार चोपकर, संकाय सदस्य, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि डॉ. साहू ने अपने संबोधन में प्लास्टिक प्रदूषण को वर्तमान समय की एक प्रमुख चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत अमेरिका और चीन की तुलना में कम है, लेकिन इसके नकारात्मक प्रभाव अधिक दिखाई देते हैं। उन्होंने लोगों से रंगीन प्लास्टिक से बचने तथा केवल पारदर्शी, खाद्य ग्रेड प्लास्टिक के उपयोग की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि हम प्लास्टिक का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करें, सही तरीके से रिसाइकल करें और उचित निपटान करें, तो यह पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं होगा।
विशिष्ट अतिथि डॉ. राव ने “3 आर सिद्धांत”—रिड्यूस, रियूज़ और रिसाइकल—पर बल देते हुए, सिंगल यूज प्लास्टिक के सीमित उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पौधारोपण जैसे स्थायी उपायों को भी अपनाने का संदेश दिया और सभी विजेताओं एवं आयोजकों को बधाई दी।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में:
कक्षा 1 से 5 वर्ग में देबांश मिश्रा को प्रथम तथा मानया चौरसिया को द्वितीय पुरस्कार मिला।
कक्षा 6 से 12 वर्ग में भूमिका मिश्रा प्रथम तथा अमन वर्मा द्वितीय स्थान पर रहे।
कॉलेज वर्ग में विक्की प्रसाद प्रथम तथा ममता सुने द्वितीय स्थान पर रहीं।
बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता में:
मानया चौरसिया प्रथम,
विक्की प्रसाद द्वितीय,
भूमिका मिश्रा और देबांश मिश्रा को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान मिला।
हैकाथॉन प्रतियोगिता में:
अदिति दीवान प्रथम,
प्रद्युम्न सोनी द्वितीय,

ऋचा नायक और तेजस मिश्रा संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे।
कार्यक्रम का समापन संस्थान निदेशक डॉ. रमना राव द्वारा पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक शपथ दिलाने के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने पृथ्वी को स्वच्छ, सुरक्षित और हरित बनाए रखने का संकल्प लिया।

 

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