लवन (विश्व परिवार)। आज दोपहर 2:30 बजे ईसाई धर्म के अनुयायियों ने शुक्रवार को गुड फ्राइडे बलिदान दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग उपस्थित रहे। कहा जाता है कि ईसा मसीह ने समस्त मानव जाति को यह संदेश दिया कि समाज के कल्याण के लिए अपना जीवन भी कुर्बान करना पड़े तो कर दो। ईसा मसीह ने हंसते-हंसते मौत को लगे लगाकर साहस का परिचय दिया। माना जाता है कि जब यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया था तो उस दिन शुक्रवार था। यही वजह है कि ईसा मसीह के मृत्यु दिवस को गुड फ्राइडे कहा जाता है। इस घटना के तीन दिन बाद रविवार को ईशु मसीह पुनर्जीवित हुए , जिसे ईस्टर संडे के रूप में मनाते हैं। गुड फ्राइडे को ईसाई धर्म कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं। गुड फ्राइडे के दिन चर्च में न तो घंटियां बजाई जाती हैं और न ही मोमबत्ती जलाई जाती हैं, शोक सभाएं आयोजित करते हैं।ईस्टर पर्व से पहले होने वाले चालीस दिवसीय उपवास का समापन शुक्रवार को गुड फ्राइडे से हुआ। गुड फ्राइडे पर्व शुक्रवार को श्रद्धापूर्वक मनाया गया। मसीही समाज ने गुड फ्राइडे पर चर्च में आराधना की और प्रभु यीशु का संदेश सुना। चर्च में वक्ताओं ने क्रूस पर प्रभु यीशु के वचनों पर महत्व बताया। उन्होंने कहा, जब प्रभु यीशु को क्रूस पर लटकाया जा रहा था तो उन्होंने शांति-अहिंसा और करुणा का संदेश दिया था। उन्होंने कहा था, हे परमपिता परमेश्वर, इन्हें माफ करना। इनको नहीं पता कि क्या कर रहे हैं। प्रभु यीशु के मन में किसी के प्रति क्रोध नहीं था बल्कि वह सबके लिए परमेश्वर से माफी ही मांग रहे थे। चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। चर्च में गुड फ्राइडे के मौके पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। प्रभु यीशु की आराधना के गीत गाए गए, इस मौके पर बड़ी संख्या में मसीही के अनुयायियों चर्च में प्रार्थना सभा में शामिल हुए।