रायपुर (विश्व परिवार)। रोगों की रोकथाम और जनस्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने आयुष मंत्रालय के अंतर्गत देशभर लाइफस्टाइल क्लीनिकों की स्थापना करने के लिए सराहनीय पहल की है। इसी के अंतर्गत अप्रैल माह में दुर्ग में मोहनलाल बाकलीवाल शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय में एक लाइफस्टाइल क्लीनिक का आरंभ किया गया। एक माह के अंदर ही इस क्लीनिक में मरीजों की भीड़ लगने लगी है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन की एक समीक्षा बैठक रायपुर में हुई, उसके बाद केंद्रीय आयुष विभाग के अधिकारियों ने चुनिंदा पत्रकारों के साथ दुर्ग के इस मोहनलाल बाकलीवाल शासकीय आयुर्वेद चिकित्सालय को भेंट देकर उसके कार्यान्वयन की समीक्षा की।
इन अधिकारी एवं पत्रकारों को जानकारी देते हुए आयुष विभाग के सह निदेशक डाक्टर सुनील दास ने बताया कि, यह लाइफस्टाइल क्लीनिक मरीजों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। जहाँ मरीजों को आहार, दिनचर्या, योग अभ्यास और तनाव प्रबंधन तकनीकों के बारे में संरचित मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। प्रारंभिक लाभार्थियों ने अपने ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर में सुधार और संपूर्ण ऊर्जा व मानसिक स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि, यह क्लीनिक विशेष रूप से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थायरॉइड विकार, मोटापा, तनाव और जोड़ों के दर्द जैसे जीवनशैली जनित रोगों के उपचार हेतु आयुर्वेद, योग, आहार परामर्श और जीवनशैली प्रबंधन के माध्यम से सेवा प्रदान करता हैं
दास ने कहा कि, इस क्लिनिक में बुजुर्गों के अलावा युवा भी लक्षणीय मात्रा में आते है। बदलती जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण ये रोग आज युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली जहां केवल लक्षणों के उपचार पर केंद्रित होती है, वहीं यह लाइफस्टाइल क्लीनिक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है, जो कि मूल कारण की पहचान, व्यक्तिगत जीवनशैली में बदलाव, प्राकृतिक उपचार और मानसिक स्वास्थ्य पर जोर देता हैं। उन्होंने कहा कि, उपचार के लिए इस क्लीनिक में योग्य आयुर्वेद चिकित्सक, योग विशेषज्ञ और प्रशिक्षित परामर्शदाता नियुक्त किए गए हैं।
लाइफस्टाइल क्लीनिक आवश्यकता बताते हुए सहायक निदेशक डॉक्टर गजेंद्र बघेल ने कहा कि, इस क्लीनिक द्वारा बिना चीरफाड़ के सस्ता और प्रभावी इलाज किया जाता है, रोग होने से पहले ही बचाव पर बल दिया जाता है और दीर्घकालिक दवाओं पर की निर्भरता कम करने का प्रयास किया जाता है। निरंतर स्वास्थ्य अभ्यासों से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का तथापि आधुनिक परिवेश में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस समय इस क्लीनिक में उच्च रक्तचाप (Hypertension), टाइप 2 मधुमेह (Diabetes Mellitus), थायरॉइड विकार, मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम, तनाव, अनिद्रा और मानसिक रोग, जोड़ों का दर्द, गठिया व अन्य अस्थि-संवंधी समस्याएं पर उपचार होता है।
दुर्ग और नजदीक की जनता को आवाहन करते हुए डाक्टर सुनील दास ने कहा कि, जीवनशैली जनित बीमारियों से पीड़ित लोगों ने इस लाइफस्टाइल क्लीनिक में अवश्य जाना चाहिए और अपने जोखिम कारकों की जांच कर प्राकृतिक उपचार और स्वस्थ जीवन की ओर पहला कदम बढ़ाना चाहिए। लोग क्लीनिक के नियमित योग सत्रों, स्वास्थ्य शिविरों और परामर्श में भाग लेकर अपने दीर्घकालिक रोगों के खतरे को कम कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि, आज जीवनशैली में छोटा सा बदलाव, कल एक रोगमुक्त जीवन की गारंटी बन सकता है।
केंद्रीय आयुष विभाग के अधिकारियों ने इस क्लीनिक में उपस्थित मरीजों से भी बातचित की, और क्लिनिक के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया।