- हाट बजारों में सूखी मछली बिक्री पर नजर
रिसाली (विश्व परिवार)। निचली बस्ती हो या फिर पाॅश कालोनी मच्छर का प्रकोप हर जगह होता है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया समेत फाइलेरिया और जल जनित बीमारी से बचाव हम खुद कर सकते है। सोमवार को नगर पालिक निगम रिसाली आयुक्त मोनिका वर्मा और जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. सी.बी.सी. बंजारे ने कार्यशाला में जल जनित रोग और मच्छर से बचाव के तरीकों को विस्तार से बताया।
आयुक्त मोनिका वर्मा ने कहा कि कर्मचारी प्रत्येक बुधवार को अपने कार्य स्थल पर सफाई करे और रविवार को सार्वजनिक और रिहायशी इलाकों में कूलर की जांच करे। प्रत्येक घर में दस्तक दे। वहीं जिला मलेरिया अधिकारी ने बचाव के तरीके को विस्तार से बताया। आयुक्त मोनिका ने साप्ताहिक बाजारों में सूखी समुद्री मछली बिक्री पर नजर रखने का भी निर्देश दी है। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइजर, आजीविका विभाग के सिटी मिशन प्रबंधक, कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में यह बताया
– सबसे पहले कूलर को साफ करना है। अगर कूलर के टैंक में लार्वा या फिर कूलर में कीड़े नजर आए तो टेमीफाॅस डाले और 1 घंटे तक कूलर में लगे टूल्लू पंप को चालू रखे। इसके बाद पानी को खाली कर दे।
– घर के आंगन, किचन गार्डन और छत को अच्छे से देखे कि ऐसा कोई बर्तन, खिलौना का टुकड़ा या फिर ऐसा कोई चीज तो नहीं पड़ा है, जिसमें बारिश का पानी जमा हो।
– घर के परिसर में खुले में डस्टबीन रखा है तो उसे ढक कर रखे।
– घर के आस पास पानी ठहराव न होने दे।
होगी अब कार्रवाई
आयुक्त मोनिका वर्मा ने निगम के स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि घरों में टेमीफाॅस दवा उपलब्ध कराए। साथ ही बीमारी से बचने के तरीके को बताए। अगर लापरवाही होती है तो महामारी एक्ट के तहत पहली बार 500 दूसरी बार 1000 तीसरी बार 2000 जुर्माना वसूल करे।
जन स्वास्थ्य विभाग इस पर करेगा फोकस
– बंद आवास में पानी तो नहीं बह रहा।
– गली मुहल्ले में पानी जमा तो नहीं हो रहा।
– ठेले व गुमटी संचालक दुकान के पीछे खुले में पानी स्टोर कर तो नहीं रहे है।
– टायर खुले या दुकानों में जमा कर रखा तो नहीं गया है।
– बाजार में कही सब्जी व फल के अवशेष तो खुले में नहीं फेका गया है।
सूखी मछली की बिक्री पर नजर
निगम के कर्मचारी खासकर रूआबांधा बाजार में सूखी मछली की बिक्री पर नजर रखेंगे। अगर समुद्री सूखी मछली बेचते मिलने पर मछली को जब्त किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षण में खुलासा किया है कि बारिश के समय समुद्री सूखी मछली में नमक की मात्रा होने की वजह से कीड़े लग जाते है। जो सेहत के लिए नुकसानदायक है।