Home रायपुर एम्स-आईजीएनटीयू ने सहयोगी परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

एम्स-आईजीएनटीयू ने सहयोगी परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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  • आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल, रीनल फेल्यर, आनुवंशिक रोग चिंता का प्रमुख कारण हैं
  • संकाय सदस्य और शोधकर्ता एक दूसरे की सुविधाओं का उपयोग कर सकते है
  • बायोटेक, फार्मेसी, योग और रसायन विज्ञान में एक साथ काम करेंगे
  • आईजीएनटीयू एम्स की मदद से जनजातियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करेगा

रायपुर(विश्व परिवार) | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (आईजीएनटीयू), अमरकंटक ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगात्मक परियोजनाओं के लिए हाथ मिलाया है। दोनों संस्थान सिकल सेल रोग, कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में रीनल फेल्यर और जनजातियों में आनुवंशिक रोगों के निवारण हेतु केंद्रित अनुसंधान परियोजनाओं पर एक साथ काम करने के लिए सहमत हैं। एम्स रायपुर के कार्यपालक निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) और आईजीएनटीयू के कुलपति श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने सोमवार को अमरकंटक स्थित आईजीएनटीयू में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल जिंदल ने अनुसंधान और विकास में उच्च शिक्षण संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एम्स आनुवंशिक रोगों, विशेष रूप से सिकल सेल रोग पर काम कर रहा है।

एम्स एक आनुवंशिक प्रयोगशाला स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जो आनुवंशिक रोगों पर शोध में सहायक हो सकती है। आईजीएनटीयू आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में आनुवंशिक रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए सहयोगी परियोजनाएं दोनों संस्थानों की प्राथमिकता होंगी।

प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ती उम्र, त्वचा रोग, कैंसर और रीनल फेल्यर शोधकर्ताओं के लिए चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि आईजीएनटीयू हर्बल औषधियों, कौशल विकास और योग पर काम कर रहा है। इनके लाभों का सत्यापन, वर्गीकरण, प्रमाणन और वितरण समय की मांग है। प्रो. त्रिपाठी ने एम्स के संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक प्रयोगशाला सुविधाओं की पेशकश की।

चर्चा के दौरान दोनों संस्थानों ने बायोटेक, फार्मेसी, योग और रसायन विज्ञान में एक
साथ काम करने पर सहमति जताई। प्रो. आलोक श्रोत्रिय अधिष्ठाता (शैक्षिक) ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की आईआईआरएफ -2024 रैंकिंग में आईजीएनटीयू ने 11वां स्थान प्राप्त किया है। चर्चा के दौरान रजिस्ट्रार प्रो. एनएस हरि नारायण मूर्ति , प्रो. ए.के. शुक्ला, प्रो. नवीन कुमार, प्रो. भूमि नाथ त्रिपाठी , प्रो. एपी सिंह, प्रो. पूनम शर्मा और आईजीएनटीयू के अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विजय परमानिक ने किया।

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