रायपुर (विश्व परिवार)। एम्स रायपुर के रेडियोडायग्नोसिस विभाग द्वारा 23 मार्च 2025 को एम्स रायपुर के ऑडिटोरियम में कार्डियक इमेजिंग अपडेट: बेसिक्स टू एडवांस विषय पर सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया गया। यह भारतीय कार्डियक इमेजिंग एसोसिएशन (IACI) का मध्यावधि सीएमई था। इस सीएमई का उद्घाटन मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त), कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ, एम्स रायपुर ने किया। इस अवसर पर शैक्षणिक डीन डॉ. आलोक चंद्र अग्रवाल, अनुसंधान डीन डॉ. सरिता अग्रवाल, परीक्षा डीन डॉ. एली मोहापात्रा, छात्र कल्याण डीन डॉ. कृष्णदत्त चावली, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेनू राजगुरु तथा IACI के अध्यक्ष मंच पर उपस्थित थे। अपने संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल ने चिकित्सा के निवारक पहलुओं में उन्नत तकनीक के उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से उन उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए, जिनमें मौन कार्डियक विकृतियां अचानक हृदयगति रुकने का कारण बन सकती हैं। उन्होंने IACI और रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नरेंद्र बोधे को इस आयोजन के लिए बधाई दी। इस उद्घाटन समारोह में विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य जैसे डॉ. ए.के. गोयल, डॉ. साजल डे, डॉ. त्रिपाठी, डॉ. अंजलि पाल, छत्तीसगढ़ IRIA चैप्टर के वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. ए.ए. उस्मान, डॉ. चंद्रिका साहू, डॉ. विवेक पात्रे, डॉ. पारस जैन, डॉ. आनंद जायसवाल, डॉ. शरद चंदक, डॉ. विकास भोजसिया सहित कई अन्य
चिकित्सकों ने भाग लिया। IACI (भारतीय कार्डियक इमेजिंग एसोसिएशन) पूरे देश में कार्डियक इमेजिंग के क्षेत्र
में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है और यह अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे कि सोसाइटी ऑफ कार्डियक एमआरआई, सोसाइटी ऑफ कार्डियक सीटी आदि से संबद्ध है। वर्तमान में, IACI के पदाधिकारी हैं – अध्यक्ष डॉ. विजय भास्कर नोरी, कार्यालय अध्यक्ष डॉ. विमल राज, महासचिव डॉ. प्रिया चुडगर, कोषाध्यक्ष डॉ. पारुल गार्डे तथा
पूर्व अध्यक्ष डॉ. हेमंत तेलकर। यह सीएमई छत्तीसगढ़ राज्य में अपनी तरह का पहला आयोजन था और इससे पहले
कभी आयोजित नहीं किया गया था। इस सीएमई में रिकॉर्ड 150 पंजीकरण हुए, जो कि IACI के मध्यावधि बैठक में पहली बार हुआ। इसमें रेडियोलॉजिस्ट, फिजीशियन, कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डियक सर्जरी के रेजिडेंट्स और कंसल्टेंट्स ने भाग लिया। प्रतिभागी देशभर के विभिन्न स्थानों से आए थे, जिनमें अंबाला, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, विशाखापट्टनम, राउरकेला के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य के जगदलपुर और अंबिकापुर के प्रतिभागी भी शामिल थे। सीएमई का मुख्य फोकस कार्डियक सीटी और कार्डियक एमआरआई की बुनियादी अवधारणाओं पर था, जो कि वर्तमान समय की आवश्यकता है। विशेष रूप से उन चिकित्सकों के लिए, जिनके पास ये मशीनें तो हैं, लेकिन कार्डियक अनुप्रयोगों की
पूरी जानकारी के अभाव में वे इनका पूर्ण उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इस प्रकार की मशीनों की उपलब्धता के कारण, रेडियोलॉजी के स्नातकोत्तर छात्रों के साथ-साथ अन्य विशेषताओं के रेजिडेंट्स को भी इस सीएमई से लाभ प्राप्त हुआ।
इस सीएमई में IACI के सदस्य और एम्स रायपुर के रेडियोलॉजी विभाग के संस्थापक एचओडी डॉ. नरेंद्र बोधे ने कोरोनरी आर्टरी एनाटॉमी एवं इसकी विसंगतियों और कार्डियक एमआरआई के स्थान और अनुक्रम की मूल बातें
विषयों पर व्याख्यान दिया। IACI के अध्यक्ष डॉ. विजय भास्कर नोरी, जो हैदराबाद से आए थे, ने जन्मजात हृदय रोग में सीटी और एमआरआई कार्डियक एमआरआई के मूल प्रोटोकॉल और गैर-इस्केमिक मायोकार्डियल पैथोलॉजी में
कार्डियक एमआरआई पर व्याख्यान दिया। IACI के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हेमंत तेलकर, जो मुंबई से आए थे, ने नियमित रोगियों, पोस्ट-स्टेंटिंग और पोस्ट-सीएबीजी मामलों में कोरोनरी सीटी एंजियोग्राफी रिपोर्टिंग पर व्याख्यान दिया। कोषाध्यक्ष डॉ. पारुल गार्डे, जो मुंबई से आई थीं, ने कोरोनरी सीटी एंजियोग्राफी कैसे करें मायोकार्डियल इंफार्क्ट (वायबिलिटी) में कार्डियकएमआरआई और मायोकार्डिटिस और कार्डियोमायोपैथी में कार्डियक एमआरआई पर व्याख्यान दिया। सीएमई में सीटी और एमआरआई के विभिन्न मामलों पर गहन चर्चा की गई, जिसमें प्रशिक्षु चिकित्सकों और विशेषज्ञों के बीच सीधे संवाद की विशेष सुविधा रही। डॉ. नरेंद्र बोधे ने इस सीएमई की सफलता का श्रेय अपने विभागीय टीम के सदस्यों को दिया, जिनमें विभाग के संकाय सदस्य – डॉ. सरोज कुमार पाटी (एसोसिएट प्रोफेसर), डॉ. मनीष कुमार (एसोसिएट प्रोफेसर), डॉ. ऋचा सिंह चौहान (सहायक प्रोफेसर) एवं डॉ. निहार कथरानी (सहायक प्रोफेसर) शामिल थे। साथ ही, उन्होंने नर्सिंग ऑफिसर्स, टेक्नोलॉजिस्ट, लिपिकीय कर्मचारियों, अस्पताल परिचारकों और ऑडिटोरियम टीम के सदस्यों को भी इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।