रायपुर (विश्व परिवार)। भारत के पूज्यपाद चारों शंकराचार्यों के नेतृत्व व मार्गदर्शन में कार्यरत भारत सहित एक सौ देशों के धार्मिक व सामाजिक प्रतिनिधियों के संगठन परम धर्म संसद १००८ द्वारा देश में गौ प्रतिष्ठा अभियान चला कर केन्द्र से ग्राम पंचायत तक शासन की सभी इकाइयां से गौमाता को पशु सूची से बाहर कर उसे राष्ट्र माता स्वीकारे जाने का प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध किया गया है।
यह जानकारी महाशिवरात्रि २६ फरवरी तक बेमेतरा जिले के ग्राम सलधा स्थित सपाद लक्षेश्वर धाम में लिंग पुराण कथा करने पधारे परम धर्म संसद १००८ के परमधर्माधीश पूज्यपाद जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज के साथ आए संगठन के संगठन मंत्री, रायपुर निवासी मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश, प्रख्यात देशभक्त संत पूज्य साईं जलकुमार मसन्द साहिब ने दी।
उन्होंने कहा कि अंचल से प्रकाशित समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों से ज्ञात हुआ है कि इन दिनों छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्तरीय पंचायतों का चुनाव कार्य चल रहा है। उन्होंने इन चुनावों में निर्वाचित होने वाले जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे सभी अपनी-अपनी पंचायतों में गौमाता को पशु सूची से बाहर कर उसे राष्ट्र माता स्वीकारे जाने के प्रस्ताव को प्राथमिकता देते हुए पारित कराने का यशस्वी कार्य करें।
उन्होंने आह्वान किया है कि केन्द्र से ग्राम पंचायत तक शासन की सभी इकाइयां अब देश के सर्वोच्च धर्मगुरु पूज्यपाद चारों शंकराचार्यों के मार्गदर्शन में देश में सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित शासन स्थापित कर भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में सहायक बने। साईं मसन्द साहिब जी बताया कि अपने उद्देश्य में सफल होने के लिए प्रथम चरण में लगभग दो वर्षों से गौ प्रतिष्ठा अभियान चला कर देश के ३७ करोड़ हिन्दू मतदाताओं को गौ मतदाता बनाने का मजबूत आधार खड़ा किया जा रहा है।