नई दिल्ली (विश्व परिवार)। भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (क्च्प्प्ज्) द्वारा गठित राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की छठवीं बैठक का आयोजन वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में किया गया। बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुनील सिंघी जी ने की। इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं वरिष्ठ व्यापारी नेता श्री अमर पारवानी ने सक्रिय रूप से भाग लिया और व्यापारियों की समस्याओं, समाधान और संभावनाओं पर अपने विचार प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए।
बैठक में देशभर के लगभग 20 राज्यों से व्यापारी प्रतिनिधि तथा 9 मंत्रालयों एवं विभागों के पदेन प्रतिनिधि (संयुक्त सचिव) उपस्थित रहे। यह बोर्ड देश की स्वतंत्रता के बाद व्यापारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित पहला राष्ट्रीय मंच है, जिसका उद्देश्य व्यापारियों एवं उनके कर्मचारियों के कल्याण हेतु कार्य करना है। यह “श्रमेव जयते” की भावना को मूर्त रूप देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
अमर पारवानी ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रस्तुत बजट 2025-26 की सर्वत्र सराहना की गई। बजट को समावेशी, लाभकारी और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने वाला बताया गया। बैठक में क्रेडिट लिमिट को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किए जाने तथा 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किए जाने जैसे निर्णयों का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
बैठक में “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता पर भारतीय सेना की बहादुरी और भारत की रक्षा नीति की भी सराहना की गई। इस अवसर पर बोर्ड अध्यक्ष श्री सुनील सिंघी के नेतृत्व में 20 बिंदुओं पर आधारित आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया गया। श्री पारवानी ने बताया कि यह संकल्प भारत को न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक और सामरिक दृष्टि से भी सशक्त बनाएगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में व्यापारी संगठनों द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित कर वोकल फॉर लोकल को प्रोत्साहन देने एवं दुश्मन देशों के उत्पादों के बहिष्कार का संकल्प व्यापक रूप से व्यापारियों और आमजन को दिलाया जाएगा।
अमर पारवानी ने आगे कहा कि भारत अब रक्षा आयातक नहीं, बल्कि रक्षा उत्पादों का निर्यातक देश बन चुका है। पिछले 11 वर्षों में रक्षा निर्यात में 34 गुना वृद्धि हुई है और भारत आज लगभग 100 देशों को रक्षा उत्पाद भेज रहा है। इसमें देश के व्यापारियों और उद्योगपतियों की भूमिका भी उल्लेखनीय रही है।
बैठक में पारित 20 बिंदुओं में मुख्य रूप से भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता, स्थानीय कारीगरों के सामान को बढ़ावा, भारतीय आभूषण, वस्त्र, फल-फूल, मिट्टी के बर्तन, कालीन, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट जैसे अभियान शामिल हैं। सभी सदस्यों ने इन बिंदुओं को अपने जीवन में आत्मसात करने तथा व्यापक स्तर पर जन-जागरण चलाने का भी संकल्प लिया।
अमर पारवानी ने कहा, “यह केवल एक संकल्प नहीं बल्कि हर भारतीय के जीवन का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इस दिशा में संगठित प्रयास भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की ओर ले जाएगा।”