कुम्हारी में विचक्षण जैन विद्यापीठ का वार्षिक समारोह “तारतम्य” बड़े ही धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्रों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन कर अभिभावकों और अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विद्यालय के ट्रस्टी सीए विजय मालू और प्राचार्या श्रीमती नीतू जैन ने बताया कि इस वर्ष के समारोह का विषय “तारतम्य” था, जो शरीर, मन, और आत्मा के बीच सामंजस्य और संतुलन को दर्शाता है। छात्रों ने इस विषय को अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रभावी ढंग से जीवंत किया, और यह संदेश दिया कि जीवन में सामंजस्य बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री सौरभ देवेगर (आईआरएस) के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए धर्म और नैतिकता के महत्व पर प्रकाश डाला। विशेष अतिथि श्री संजय गिड़िया, श्री अभिनव सिंग, और श्री गौतम चंद गोलछा ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की और छात्रों का उत्साह बढ़ाया।
विद्यालय के ट्रस्टी श्री सुरेश कांकरिया, श्री वीरेंद्र नाहर, श्री अनिल लोढ़ा, श्री राजेश गिड़िया, श्री सुनील गोलछा, और श्री सौरभ लोढ़ा ने इस आयोजन में भाग लिया। प्राचार्या श्रीमती नीतू जैन ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए छात्रों को सामंजस्य और संतुलन के महत्व को समझने और इसे अपने जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की प्रस्तुतियों ने विद्यार्थियों की रचनात्मकता और उनकी गहरी समझ को दर्शाया। “तारतम्य” की अवधारणा को नृत्य, नाटक और संगीत के माध्यम से इस तरह से प्रस्तुत किया गया कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।
विद्यालय की ओर से छात्रों की इस अद्भुत प्रस्तुति की सराहना की गई, जो समग्र शिक्षा की प्रतिबद्धता का परिचायक है। यह वार्षिक उत्सव न केवल छात्रों की प्रतिभा को मंच प्रदान करता है, बल्कि उनके भीतर जीवन में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने के संस्कार भी विकसित करता है। हम सभी अभिभावकों के निरंतर समर्थन और विश्वास के लिए हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।