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अमित शाह को देश से माफी मांगनी चाहिए,उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए : मल्लिकार्जुन खडग़े

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नई दिल्ली(विश्व परिवार)। संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री के भाषण पर राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा, …उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान का अपमान किया है। मनुस्मृति और क्रस्स् की उनकी विचारधारा यह स्पष्ट करती है कि वह बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का सम्मान नहीं करना चाहते हैं। हम इसकी निंदा करते हैं और उनके इस्तीफे की मांग करते हैं। उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए…उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में अंबेडकर जी के बारे में हमारी श्रद्धा का भाव स्पष्ट रूप से प्रकट किया था। उन्होंने यह भी कहा कि कैसे कांग्रेस ने अंबेडकर जी का अपमान किया जब वह जीवित थे…कांग्रेस पार्टी ने उन्हें इतने सालों तक भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया और इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब का अपमान किया और 1952 में एक चुनाव में साजिश के तहत उन्हें हरा दिया..मैं बौद्ध हूं और बाबा साहब के बताए रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति हूं। इस देश में बाबा साहब ने 1951 में कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। 71 साल बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बौद्ध (यानी मुझे) को देश का कानून मंत्री बनाया
कांग्रेस ने निर्लज्जता के साथ संविधान में किया संशोधन : अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर राज्यसभा में आयोजित चर्चा के दौरान विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संविधान संशोधनों से पार्टियों के कैरेक्टर के बारे में पता चलता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि आज हम जिस मुकाम पर खड़े हैं, उस मुकाम पर महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई पड़ती है कि भारत माता अपनी देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में जब खड़ी होंगी, तब दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएगी और पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी।
उन्होंने कहा, इंदिरा गांधी की सरकार में 45वां संशोधन किया गया और कांग्रेस ने निर्लज्जता के साथ संविधान में संशोधन किया। यही नहीं, कांग्रेस ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का भी विरोध किया। हमारे पीएम कहते हैं कि वह प्रधानमंत्री नहीं बल्कि प्रधान सेवक हैं।
उन्होंने संविधान संशोधन का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने 16 साल तक शासन किया और संविधान में 22 संशोधन किए। इसके विपरीत, कांग्रेस पार्टी ने 55 साल तक शासन किया और 77 संशोधन किए। दोनों पार्टियों ने संविधान में संशोधन किए हैं। संशोधनों को लागू करने के अलग-अलग तरीके हैं, कुछ संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, जबकि अन्य केवल औपचारिकता के तौर पर किए जा सकते हैं। संविधान में संशोधन के पीछे के उद्देश्यों की जांच करके किसी पार्टी के चरित्र और इरादों को समझा जा सकता है।
अमित शाह ने आगे कहा, कोई ये न समझे कि हमारा संविधान दुनिया के संविधानों की नकल है। हां, हमने हर संविधान का अभ्यास जरूर किया है, क्योंकि हमारे यहां ऋग्वेद में कहा गया है, हर कोने से हमें अच्छाई प्राप्त हो, सुविचार प्राप्त हो और सुविचार को स्वीकारने के लिए मेरा मन खुला हो। हमने सबसे अच्छा लिया है, लेकिन हमने अपनी परंपराओं को नहीं छोड़ा है। पढऩे का चश्मा अगर विदेशी है, तो संविधान में भारतीयता कभी दिखाई नहीं देगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि संविधान की रचना के बाद डॉ. अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों। उसी तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो। ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं।

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