• छात्रों के लिए खुलेगा कौशल विकास और रोजगार के नए द्वार
• आंजनेय विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ की पहली संस्था जिसके साथ हुआ समझौता
रायपुर (विश्व परिवार)। आंजनेय विश्वविद्यालय ने आज यूनिकौशल और अनरियलएज के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस ऐतिहासिक एमओयू का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप व्यावहारिक, तकनीकी एवं जीवन कौशल से युक्त गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह साझेदारी विश्वविद्यालय के अकादमिक और रोजगारपरक वातावरण को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। त्रिपक्षीय समझौते पर कुलाधिपति श्री अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि यह समझौता आंजनेय विश्वविद्यालय के लिए एक मील का पत्थर है। इससे हमारे छात्रों को न केवल तकनीकी और पेशेवर प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि उन्हें उद्योगों से सीधे जोड़ने का अवसर भी मिलेगा। यह विश्वविद्यालय के ‘स्किल-बेस्ड लर्निंग’ विजन को मजबूती देगा। कुलपति डॉ. टी रामाराव ने कहा कि यह समझौता विद्यार्थियों को कक्षा के बाहर व्यावसायिक दुनिया से जोड़ने हेतु यूनिकौशल और अनरियलएज, विश्वविद्यालय में केंद्र की स्थापना करेंगे, जहां छात्रों को उद्योग की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से कौशल आधारित कोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे विद्यार्थी किसी भी स्थान से प्रशिक्षित हो सकें। इससे डिजिटल समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस पाठ्यक्रम से एमबीए, बीबीए के विद्यार्थियों को शत प्रतिशत रोजगार उपलब्ध होंगे।
अनरियलएज के संस्थापक एवं निदेशक मणिगंदन मण्जुनाथन ने कहा कि हम आंजनेय विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी कर गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य युवाओं को इस तरह प्रशिक्षित करना है कि वे न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा कर सकें।
यूनिकौशल के संस्थापक एवं निदेशक मृदुला त्रिपाठी ने बताया कि यह MoU छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करेगा — एक ऐसा भविष्य जो डिजिटल, स्किल-बेस्ड और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखता है।
राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के अनुरूप पाठ्यक्रम:
यह कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं और छात्रों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक दक्षता भी प्रदान करेंगे। वहीं प्रशिक्षित विद्यार्थियों को रोजगार एवं इंटर्नशिप हेतु यूनिकौशल और अनरियलएज द्वारा उद्योगों से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। इससे छात्रों के करियर में सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में ही प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना से आसपास के युवाओं को भी रोजगारपरक शिक्षा का अवसर मिलेगा, जिससे सामाजिक एवं आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी ।