Home नई दिल्ली महत्त्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर संसद में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री...

महत्त्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर संसद में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ‌द्वारा दिए गए जवाब

39
0

पूर्ववर्ती फसल बीमा योजनाओं में कई कठिनाइयां थी- श्री शिवराज
हमारी सरकार ने फसल बीमा योजना की विसंगतियां दूर की- श्री चौहान
क्लेम देने में देरी हुई तो बीमा कंपनी 12% पेनल्टी देगी-कृषि मंत्री
फसल नुकसान का आंकलन रिमोट सेंसिंग से किया जाएगा श्री शिवराज सिंह
देश के किसानों को प्रधानमंत्री श्री मोदी पर भरोसा है- शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली(विश्व परिवार)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को संसद में प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती फसल बीमा योजनाओं में कई तरह की कठिनाइयां थी, किसानों के लिए उच्च प्रीमियम थी, दावों के निपटान में विलंब होता था, किसान और किसान संगठनों को कई तरह की आपत्तियां थी। श्री नरेंद्र मोदी जी, नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाएं और जबसे ये योजना आई है, आप तुलना करके देख लीजिए, पहले केवल 3.51 करोड़ आवेदन आते थे, लेकिन अब 8.69 करोड़ आवेदन आए हैं, क्योंकि किसानों को भरोसा है। जब कांग्रेस की सरकार थी, तब अऋणी किसानों के केवल 20 लाख आवेदन आते थे, अब 5.48 करोड़ आए हैं। कांग्रेस सरकार में कुल किसान आवेदन 3.71 करोड़ थे, जो अब 14.17 करोड़ हैं। किसानों ने 32,440 करोड़ रु. प्रीमियम दिया, जबकि उन्हें 1.64 लाख करोड़ रु. क्लेम दिया गया।
योजना में 3.97 करोड़ किसान हुए कवर
कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि पुरानी फसल बीमा योजना में बीमा आवश्यक रूप से किया जाता था और बीमे की प्रीमियम की राशि बैंक अपने-आप काट लेते थे। हमारी सरकार ने इस विसंगति को दूर किया है। अब किसान की मर्जी है तो वह बीमा कराएं और मर्जी नहीं है तो ना कराएं। श्री चौहान ने कहा कि पहले अऋणी किसान बीमा नहीं करवाता था, लेकिन अब वो भी चाहे तो बीमा करवा सकता है। अब तक इसमें 5 लाख 1 हजार हेक्टेयर कवर हुआ, जो 2023 में बढ़कर 5.98 लाख है. हो गया है, वहीं 3.97 करोड़ किसान कवर हुए हैं और किसान निरंतर फसल बीमा योजना अपना रहे हैं। योजना सरल बनाने हेतु सरकार ने अनेक उपाय किए हैं, जिससे कि योजना का लाभ लेने में किसानों को कोई दिक्कत और परेशानी ना हो।
नुकसान का आंकलन रिमोट सेंसिंग से
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक और नवाचार किया गया है। अब नुकसान का आंकलन नज़री नहीं, रिमोट सेंसिंग के माध्यम से कम से कम 30 प्रतिशत करना अनिवार्य कर दिया गया है। कई बार क्लेम भुगतान में देरी होती है। अगर देरी होती है तो बीमा कंपनी 12% पेनल्टी देगी, जो सीधे किसान के खाते में जाएगी। अगर हम देरी के कारण देखें तो अधिकांश राज्यों ‌द्वारा प्रीमियम सब्सिडी में अपने हिस्से को देरी से जारी करना सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि मैं सभी राज्य सरकारों से निवेदन करता हूं कि अपना हिस्सा जारी करने में देर ना करें। कई बार उपज के आंकड़े विलंब से प्राप्त होते हैं। कुछ मामलो में बीमा कंपनी और राज्यों के बीच विवाद सामने आता है। पहले एक व्यवस्था थी कि जब राज्य सरकार अपनी राशि जारी करती थी, तभी केंद्र सरकार अपना हिस्सा देती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अब एक प्रावधान किया है और राज्य सरकार के शेयर से खुद को को डी-लिंक कर लिया है, इसलिए अब केंद्र अपना शेयर तत्काल जारी करेगी, ताकि किसान के भुगतान में देरी ना हो। किसान को कम से कम केंद्र की राशि समय पर मिल जाएं।
पीएम फसल बीमा योजना के 3 मॉडल
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरे देश के हर जिले के और हर किसान के लिए है। प्रधानमंत्री फसल बीमा के 3 अलग-अलग मॉडल हैं और उस मॉडल में केंद्र सरकार केवल पॉलिसी बनाती है। राज्य सरकार जिस मॉडल को चुनना चाहे, उस मॉडल को चुनती है। ये फसल बीमा योजना हर राज्य के लिए आवश्यक नहीं है, जो राज्य इस योजना को अपनाना चाहे अपनाएं और जो राज्य नहीं अपनाना चाहे, नहीं अपनाएं। वहीं श्री चौहान ने बताया कि बिहार में अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू नहीं किया गया है। बिहार की एक अपनी योजना है, वो उस योजना के हिसाब से अपने किसान को लाभान्वित करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here