Home धर्म अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागरजी महाराज (कुलचाराम हैदराबाद)

अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागरजी महाराज (कुलचाराम हैदराबाद)

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(विश्व परिवार)। अपने चरित्र और विचारों में पवित्र रहो..
फिर किसी में इतना दम खम नहीं कि जो तुम पर ऊंगली उठा सके..!
चमत्कार उन्हीं के जीवन में घटते हैं जिनके मन पवित्र और प्राण आत्म विश्वास से भरे होते हैं। एक युवक ने सन्त से पूछा-? महात्मा जी – मैं कितनी देर शान्त रहने की साधना करूँ? सन्त ने कहा – एक क्षण के लिये शान्त हो जाओ। शेष की चिन्ता मत करो। उस युवक ने पूछा-? महात्मा जी – एक क्षण में क्या होगा-? संत ने कहा – जो एक क्षण शान्त होने की कला सीख लेता है वो ज़िन्दगी भर शान्त रह सकता है। क्योंकि एक क्षण और एक श्वांस का ही जीवन है। जब भी ज़िन्दगी में आता है तो एक क्षण ही हाथ में आता है। यदि एक क्षण को मैं इमानदारी से जीऊँ, एक क्षण अपने आप को बदल सकूं, एक क्षण शान्त कर सकूं, और अन्तःकरण को आनन्द से भर सकूँ, तो मेरी ज़िन्दगी का पूरा मूल वसूल हो गया समझना। क्योंकि सारा खेल ज़िन्दगी में एक क्षण और एक श्वांस का ही है…!!!।

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