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जैन धर्म के श्रेष्ठ विचारों पर करें विश्वास, सत्यार्थ बोध से सीखें अहिंसा का पाठ

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  • राजाबाजार जैन मंदिर में पहली बार आचार्य विशुद्ध सागरजी महाराज रचित ग्रंथ के जरिए किया गया मार्गदर्शन
  • शहर संवाददाता छत्रपति संभाजीनगर औरंगाबाद

राजाबाजार (विश्व परिवार)। खंडेलवाल दिगंबर जैन पंचायत पाश्र्वनाथ मंदिर राजाबाजार में पहली बार आचार्य विशुद्ध सागरजी महाराज रचित सत्यार्थ बोध ग्रंथ पर पंचायत के विश्वस्व अरुण पाटणी ने मार्गदर्शन किया। अहिंसा का महत्व बताने के साथ जैन धर्म के बारे में लोगों तक अच्छे विचार पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अहिंसा के बारे में लोगों को जागरूक करने को आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने 2021 में सत्यार्थ बोध नामक ग्रंथ की रचना की थी। इस ग्रंथ में करीब 45 आध्याय हैं। जैन धर्म में हिंसा, झूठ, चोरी, अभद्र बर्ताव को पाप माना जाता है। विश्व में हिंसा दिन प्रति दिन बढ़ रही है। रूस-युक्रेन व फिलिस्तीन-इस्राइल युद्ध सहित हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं। हिंसा मानव सृष्टि के लिए हितकारी नाहीं है। गौवध रुकना चाहिए। साधु संतों ने अहिंसा के लिए लोगों को सदैव जागरूक किया है। इसका अभ्यास मानव जाति को करना चाहिए। अच्छे कर्म करने से मन को नियंत्रित करना आसान होता है।
ज्ञान आत्मसात करने पर मिलता आनंद इस अवसर पर महावीर पाटणी ने कहा कि आध्यातिमकता से भक्तों को ज्ञान मिलता है। इसके लिए रखवायाय उपक्रम शुरू किया गया है। ज्ञान आत्मसात करने पर जीवन में आनंद मिलता है।
दीप जलाकर शुरू किया स्वाध्याय स्वध्याय की शुरुआत भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा के सामने दीप जलाकर की गई। इस अवसर पर पंचायत अध्यक्ष महावीर पाटणी, सचिव प्रकाश अजमेरा, विश्वस्थ महावीर ठोने, यतिन ठोले, किरण पाहाड़े, संतोष सेठी, जितेंद्र पाटनी, चंदा फासलीवाल, बीता टोले, महावीर ठोले, अनूप पाटणी, मयूर ठोले, दिनेश ठोले, हुकुमचंद चांदीवाल, प्रकाश कासलीवाल, गुरु परिवार की प्रतिमा पाटणी, शोभा लोहाड़े, सपना पापडीवाल, सुरेखा पाटामी आदि उपस्थित थे। बाद में कार्यक्रम की प्रस्तावना पंचायत अध्यक्ष महावीर पाटणी ने रखी। संचालन सचिव प्रकाश अजमेरा ने किया।

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