- अनियमितता के बाद नए सिरे से हो रही जांच
रायपुर (विश्व परिवार)। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरिडोर में भू-अर्जन मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद अब दुर्ग व राजनांदगांव जिले में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान में हुई अनियमितता के संबंध में भी नए सिरे दावा-आपत्ति व शिकायतें मंगाई गई हैं।
भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला
दुर्ग संभाग के आयुक्त के मुताबिक दुर्ग जिले में अनुविभागीय अधिकारी दुर्ग व पाटन के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि की सूची की जानकारी कार्यालय कलेक्टर दुर्ग की वेबसाइट में तथा राजनांदगांव जिले में अनुविभागीय अधिकारी राजनांदगांव के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि की सूची की जानकारी कार्यालय कलेक्टर राजनांदगांव की वेबसाइट में प्रकाशित कर दी गई है। इस संबंध में यदि कोई शिकायत व दावा-आपत्ति प्रस्तुत करना चाहते हैं, तो संभागायुक्त कार्यालय दुर्ग और संबंधित कलेक्टर दुर्ग व राजनांदगांव को 15 दिवस के भीतर प्रस्तुत कर सकते हैं। दुर्ग-रायपुर बायपास के लिए भू-अर्जन भारतमाला परियोजना के अंतर्गत दुर्ग-रायपुर सिक्स फोरलेन बायपास सडक़ निर्माण के लिए राजनांदगांव तहसील के 2, दुर्ग के 12, पाटन के 13, अभनपुर के 16 और आरंग तहसील के 8 गांवों में भू-अर्जन किया गया है. किसानों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया में नियम-कानूनों की व्यापक अनदेखी की गई है।
300 करोड़ का घोटाला, शासन ने मांगी रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम सिक्सलेन कॉरिडोर में करीब सवा तीन सौ करोड़ रुपए का मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में मुआवजा वितरण की जांच चल रही है। सभी संभागायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई थी और वेबसाइट में उसे अपलोड करने कहा गया था। यह मामला जांच के लिए ईओडब्ल्यू-एसीबी को सौंपा गया है।
पांच बिंदुओं पर शिकायतों की जांच
राष्ट्रीय राजमार्ग भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित सडक़ राज्य के रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर व जांजगीर-चांपा जिले से होकर गुजर रही है। शिकायतों की जांच में भू-अर्जन की कार्यवाही में अनियमितता पाई गई है। जांच के लिए पांच बिंदु दिए गए हैं। सुरेंद्र //