लखनऊ(विश्व परिवार)। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गठन से पहले देश भर में भाजपा के सदस्यता अभियान का आगाज सोमवार से होगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदस्य बनाकर अभियान की शुरूआत करेंगे। वहीं, यूपी में अभियान की शुरुआत मंगलवार से होगी। इस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से सदस्य बनकर यूपी में अभियान का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। पार्टी ने यूपी में 3 करोड़ से अधिक नए सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है।
सदस्यता अभियान को लेकर तैयार की गई रूपरेखा की जानकारी देते हुए सदस्यता प्रभारी गोविंद नारायण शुक्ला ने बताया कि प्रत्येक बूथ पर कम से कम 200 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा सदस्यता अभियान का शुभारंभ किए जाने के बाद से ही सोमवार की शाम 5 बजे से फोन नंबर 8800002024 पर कॉल करके लोगों को सदस्य बनाने का शुरू कर दिया जाएगा।
मंगलवार को राजधानी के विश्वेश्वरैया सभागार में प्रदेश स्तर पर सदस्यता अभियान का औपचारिक शुभारंभ होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक को भी सदस्य बनाया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश भर में बृहद स्तर पर सदस्यता अभियान शुरू हो जाएगा। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह समेत सभी प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
सत्ता का कभी गुलाम नहीं हो सकता कोई संत या योगी: सीएम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई संत, महात्मा या योगी कभी भी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। बल्कि वह अपने कदमों पर समाज को चलने के लिए प्रेरित करता है। यही कार्य बाबा कीनाराम ने आज से चार सौ पच्चीस वर्ष पहले जन्म लेकर दिव्य साधना के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर आयोजित 425 वें अवतरण समारोह में हिस्सा लेकर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश इसलिए गुलाम हुआ, क्योंकि विदेशी आक्रांताओं ने देश और समाज को बांटने में सफलता पाई। वहीं, संत व संन्यासी की सारी सिद्धि व साधना, राष्ट्रहित, समाज हित और मानव कल्याण में निहित होती है।
सीएम योगी ने कहा कि बाबा कीनाराम जन्म से ही एक दिव्य विभूति थे। एक कुलीन परिवार में उनका जन्म हुआ। साधना के माध्यम से उन्होंने सिद्धि प्राप्त की। सिद्धि प्राप्त करने के बाद अक्सर होता है कि व्यक्ति मद में कुछ नहीं देखता, किसी को कुछ नहीं समझता। लेकिन, बाबा ने अपनी साधना व सिद्धि का उपयोग राष्ट्र व लोक कल्याण के लिए किया। उन्होंने दलितों व आदिवासियों को और समाज के विभिन्न तबकों को जोड़ने का काम किया। बिना भेदभाव के एक ऐसे समाज की उन्होंने अलख जगाई, जो किसी संत, अघोराचार्य या योगी के द्वारा ही संभव था।