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कांग्रेस शासनकाल में ब्लैकआउट आम बात थी, अब ऐसा नहीं : पीएम मोदी

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New Delhi, Oct 15 (ANI): Prime Minister Narendra Modi addresses the 8th International Telecommunication Union - World Telecommunication Standardization Assembly (ITU-WTSA), at Bharat Mandapam in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo)

यमुनानगर (विश्व परिवार)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा के यमुनानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज जब देश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तब हमें कांग्रेस के शासनकाल के वे दिन नहीं भूलने चाहिए जब पूरे देश में ब्लैकआउट आम बात थी। पीएम मोदी ने कहा, हमें कांग्रेस के दिनों को भी भूलना नहीं चाहिए। हमने 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार थी, तो हम वो दिन भी देखे हैं जब पूरे देश में ब्लैकआउट होते थे, बिजली गुल हो जाती थी। अगर कांग्रेस की सरकार रहती, तो देश को आज भी ऐसे ही ब्लैकआउट से गुजरना पड़ता। न कारखाने चल पाते, न रेल चल पाती, न खेतों में पानी पहुंच पाता, यानी कांग्रेस की सरकार रहती, तो ऐसे ही संकट बने रहते।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्रोजेक्ट की तीसरी इकाई की शुरुआत की, जिससे यमुनानगर और आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है।
इस पावर प्लांट की खासियत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा में इस समय 16,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है और आने वाले वर्षों में इसे 24,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली उत्पादन के साथ-साथ हम देश के नागरिकों को पावर जनरेटर बना रहे हैं। इस दिशा में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत लोग अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर न केवल अपना बिजली बिल शून्य कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी भी कर सकते हैं। अब तक देश के 1.25 करोड़ से अधिक लोग इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं और हरियाणा के लाखों नागरिक भी इससे जुड़ चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस योजना से एक नया इकोसिस्टम तैयार हो रहा है जिसमें नई स्किल्स, कंपनियों के लिए अवसर और युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और गांवों में छोटे उद्योगों को ऊर्जा की आपूर्ति के साथ-साथ सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि उनके पास पूंजी की भी कोई कमी न हो। कोरोना काल के दौरान एमएसएमई को बचाने के लिए सरकार ने लाखों करोड़ों रुपए की सहायता दी। उन्होंने बताया कि छोटे उद्योगों के विकास के लिए एमएसएमई की परिभाषा भी बदली गई ताकि जैसे-जैसे वे आगे बढ़ें, सरकारी सहयोग बना रहे।
प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया और बताया कि पिछले दस वर्षों में इस योजना के तहत बिना किसी गारंटी के 33 लाख करोड़ रुपए के ऋण दिए जा चुके हैं। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों से हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश यही है कि छोटे उद्योग देश के युवाओं के बड़े सपनों को पूरा करने का माध्यम बनें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि औद्योगिक और ऊर्जा क्षेत्र में सरकार के ये प्रयास आत्मनिर्भर भारत की नींव को और मजबूत बना रहे हैं।

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