आरंग(विश्व परिवार)। शुक्रवार को विकासखंड मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर ग्राम चरौदा के नाचा कलाकारों ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के ग्राम कातलवाडा में प्रस्तुति दी। भुइंया के गोठ नाचा पार्टी चरौदा के संचालक शिवराज धीवर ने बताया महाराष्ट्र में छत्तीसगढ़ की नाचा विधा को खूब पसंद किया जाता है। लोग रात भर बैठकर नाचा गम्मत का आनंद लेते हैं। उन्होंने बताया छत्तीसगढ़ में नाचा विधा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। वहीं अन्य राज्यों में आज भी नाचा को बहुत ही रुचि से देखा, समझा जाता है।हमारी नाचा पार्टी छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजने में अहम् भूमिका निभा रही है।आज से 30/40 वर्ष पहले लोग रात भर बैठकर नाचा गम्मत देखा करते थे।तब नाचा गम्मत ही गांवो में मनोरंजन का प्रमुख माध्यम हुआ करता था।किंतु जब से टीवी, मोबाइल, इंटरनेट का दौर चलने लगा तब से नाचा का प्रचलन नहीं के बराबर हो गया है। पहले साल भर कहीं न कहीं नाचा लगाया जाता था।पर अब वर्ष भर में अच्छा से अच्छा नाचा पार्टी को 30 से 40 दिन ही कार्यक्रम मिल पाता हैं। जिससे कलाकारों की रोजी रोटी निकलना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि अब नाचा छत्तीसगढ़ से विलुप्त होने के कगार पर है। सरकार को इस विधा को संरक्षित करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।तभी विलुप्त हो रही नाचा संरक्षित हो सकेगा।