- कार्यक्रम, उत्कृष्ठ सेवाओं में दीदीयां हुई सम्मानित
ललितपुर (विश्व परिवार)। संत शिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के आर्शीवाद से नगर में संचालित दस पारशालाओं के 20 साल पूर्ण होने पर पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अटामंदिर से चर्याशिरोमणि पटटाचार्य विशुद्धसागर महाराज के प्रभावक शिष्य मूनि श्री सौम्यसागर महाराज एवं मुनि श्री जयेन्द्र सागर महाराज के सानिध्य में बीस साल बेमिशाला पाठशाला महोत्सव का आयोजन दिगम्बर जैन पंचायत समिति के तत्वावधान में इन दिनों उत्साह के साथ चल रहा है। पाठशालाओं के संचालक बाल बह्मचारी विधानाचार्य मनोज भैया के मार्गदर्शन में सिद्धचक महामण्डल विधान में प्रातःकाल पूजन अभिषेक शान्तिधारा के उपरान्त इन्द्र इंद्राणियों द्वारा भक्तिपूर्वक अर्घ समर्पित हो रहे हैं।
सायंकाल पाठशाला के बच्चो एवं उनको निस्वार्थ धार्मिक एवं संस्कारों का शिक्षण देने वाली दीदीयों द्वारा आकर्षक प्रेरक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का शुभारम्भ आशु जैन कुमहेड़ी द्वारा मंगलाचरण एवं शान्तिनाथ मंदिर गांधीनगर पाठशाला के बच्चों द्वारा भक्तिमुच्य द्वारा किया गया। बडामंदिर पाठशाला की प्रस्तुति गीतों के सरताज खोले नौकरी के राज की प्रसुति में बच्चों ने नौकरी छोड़कर व्यवसाय करने की सीख दी। नुक्कड नाटक, भक्तिनृत्य, क्लासिकल ग्रुप डांस के माध्यम से बच्चो ने जहां अपनी प्रस्तुतियां दी वहीं धार्मिक कविसम्मेलन में मुस्कान, सविता जैन, आकांशा सुरभि, सौम्या रजनी निकिता ओजस्वी, मीनू ने मुनि निंदा, तीर्थ क्षेत्रों पर कब्जा को लेकर जहां तंज कसे वहीं बेटी सस्कारों को लेकर सीख दी। नईकवस्ती पाठशाला द्वारा जिन्दगी जिनकी देश के नाम नाटिका प्रस्तुत की वहीं बच्चों ने सरस्वती स्त्रोत्र, वीतराग स्तोत्र, महावीर स्तोत्र का शुद्धितापूर्ण पाठ किया। कार्यक्रम में पंचायत ने निस्वार्थ सेवा करने वाली दीदियों को 20 साल बेमिशाल कार्यकम में सम्मानित किया। परिचर्चा कार्यक्रम में पाठशाला का हमारे जीवन में योगदान में हिस्सा लेकर शिक्षण कार्य से 20 साल पूर्व जुडी दीदियों ने अपने विचार रखे और पाठशाला को संस्कारों की बगिया बताया। इसके पूर्व प्रातकाल मुनि सौम्य सागर महाराज एवं मुनि जयेन्द्र सागर महाराज ने धर्मसभा में सिद्धों की आराधना को जीवन में श्रेयस्कर बताया और सिद्धचक विधान की महिमा बताई।