रायपुर (विश्व परिवार)। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा कि ईडी स्वतंत्र जांच एजेंसी है और उसने नेशनल हेराल्ड मामले में चार्ज शीट सक्षम न्यायालय में दाखिल किया है। जिसमें सोनिया गांधी राहुल गांधी सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया है। 2013 में सुब्रमण्यम स्वामी ने यह विषय सामने लाया था। कांग्रेस जनता का माइंड डाइवर्ट करने के लिए देशभर में प्रदर्शन कर रही है। जनता को गुमराह करने के बजाय अदालत में जाएं। यह भ्रष्टाचार और एक बड़ा घोटाला है। दो राउंड राहुल और सोनिया से पूछताछ के बाद 661 करोड़ किसी अचल संपत्ति जप्त करने की कार्रवाई की गई है। गलत दिशा देने ब्रह्म का वातावरण बनाने का काम कांग्रेस कर रही है। गांधी परिवार के खिलाफ क्या कार्रवाई नहीं हो सकती। क्या वे देश के कानून और संविधान से ऊपर हैं।
पत्रवार्ता के दौरान प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रवक्ता संदीप शर्मा, जिलाध्यक्ष रमेश ठाकुर उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश भर में धरना देने की बात कर रही है, उन्हें धरना देने का अधिकार है लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार नहीं है। 1937 में नेशनल हेराल्ड को शुरू किया गया था, शुरुआत में इसके 5 हजार शेयर होल्डर्स थे, यानी नेशलन हेराल्ड कभी नेहरू खानदान की जागीर नहीं रहा। इसमें उस समय के बड़े-बड़े क्रांतिकारियों का भी सहयोग था। नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन 2008 में बंद हो गया, क्योंकि वह आर्थिक रूप से विफल रहा। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये की राशि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को दी, जो इस अखबार को प्रकाशित करती थी । कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है जिसे कई प्रकार की छूट मिलती है लेकिन राजनीतिक पार्टी किसी निजी संस्था को पार्टी का फंड नहीं दे सकती, यह पूरी तरह से गैर कानूनी है। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड की पूरी संपत्ति को गांधी परिवार के हाथों में लाने के लिए एक कॉर्पोरेट षड्यन्त्र रचा। यंग इंडिया नाम की एक कंपनी बनाई गई जिसमें 38त्न हिस्सा सोनिया गांधी का और 38त्न राहुल गांधी का रखा गया। 9 करोड़ के इक्विटी शेयर इस कंपनी को ट्रांसफर किए गए।
9 करोड़ के इक्विटी शेयर के ट्रांसफर के बाद यंग इंडिया कंपनी के हाथ में नेशलन हेराल्ड की पूरी संपत्ति आ गई, जिसमें दिल्ली में बहादुर शाह जपुर पर एक संपत्ति, लखनऊ, मुंबई, भोपाल और पटना की हजारों-करोड़ की संपत्ति शामिल है। कांग्रेस ने बताया कि यंग इंडिया फाउंडेशन चैरिटी के लिए बनाया गया था लेकिन आज तक उस से क्या चैरिटी हुई इसकी कोई जानकारी उपलध नहीं है। ईडी ने कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मोती लाल वोहरा से पूछताछ की थी, उसके बाद पवन बंसल से पूछताछ हुई, उसके बाद सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ की गई। पूरे मामले में जो 90 करोड़ रुपये लोन का बकाया था उसकी जगह 50 लाख देकर पूरा लोन राइट ऑफ करा लिया गया। यानी 50 लाख में हजरों करोड़ों की संपत्ति को अपने नाम करा लिया।