रायपुर (विश्व परिवार)। चीन के बाद हमारे भारत देश में भी एचएमपीवी वायरस की एंट्री हो चुकी है। सोमवार को भारत में एक ही दिन में पांच एचमपीवी के केस मिलने से हडक़ंप मच गया है। वहीं छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने भी इसको लेकर बैठक की थी। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे। एचएमपीवी वायरस को लेकर प्रदेश के लोगों के लिए एक बार फिर से मास्क लगाकर रहने की गाइडलाइन जारी हुई है। कोरोना महामारी के वक्त भी लोगों को मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है। लेकिन एचएमपीवी वायरस की वजह से यह स्थिति फिर से लौट आई है।
केंद्र सरकार ने दिए स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश
केंद्र सरकार की ओर से वीडियो कांफ्रेंस करते हुए प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश मिले हैं। केंद्र के अफसरों की ओर से बताया गया है कि यह सांस से जुड़ा वायरस है। संक्रमण भी इसी से फैलता है। इसमें सामान्य सर्दी या फ्लू के जैसे लक्षण होते हैं। गाइडलाइन में बताया गया है कि भारत में इस वक्त कर्नाटक राज्य में 2 गुजरात में 1 तमिलनाडु में 2 महाराष्ट्र में 3 कुल आठ पॉजिटिव मरीज हैं। संक्रमण न फैले इसे ध्यान में रखते हुए जांच और उपचार के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
इन गाइडलाइनों का करें प्रयोग
साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं।
अस्पताल या अन्य भीड़- भाड़ वाली जगहों पर मास्क का प्रयोग करें।
बिना धूले हाथों से आंख ना किया मुंह को छूने से बचें।
बीमार लोगों के करीब ना जाएं।
खांसते या छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें।
सांस संबंधी किसी भी तरह की बीमारी होने पर घर पर ही रहें।
इन्हें भेजी गई नई गाइडलाइन
स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से नई गाइडलाइन जारी हुई है। यह गाइडलाइन छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय की ओर से जारी की गई है। इसे राज्य के सभी सभी मेडिकल कॉलेज, सभी अस्पताल अधीक्षकों, सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला अस्पतालों के सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षकों को भेजी गई है।
रायपुर एम्स में होगी जांच
स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से बताया गया है कि एचएमपीवी वायरस की जांच रायपुर के एम्स में की जा सकती है। इसमें आरटीपीसीआर टेस्ट, एंटीजन टेस्ट सेरोलॉजी टेस्ट किया जा रहे हैं। उपचार को लेकर जारी के दिशा निर्देशों में मरीज को हाइड्रेटेड रखना, आराम करना, दवाएं देने, जरुरत होने पर ऑक्सीजन सपोर्ट देने की व्यवस्थाएं रखने के लिए कहा गया है। अस्पतालों से यह भी कहा गया है की ओपीडी में आने वाले या पहले से भर्ती मरीजों में इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस के प्रकरणों को अनिवार्य रूप से का रिकॉर्ड मेंटेन करें और टेस्टिंग करें।