- 28 मई को आचार्य पुण्डरीक सूरीश्वर जी की पाली राजस्थान व आज बारडोली गुजरात में अभिनन्दन मुनि का रोड़ एक्सीडेंट में देवलोकगमन
गुजरात (विश्व परिवार)। साधु साध्वियों के आशीर्वाद से बनी सरकार षड़यंत्र पर कार्यवाही करे विगत कुछ वर्षों में सैकड़ों जैन साधु साध्वियों की सड़क दुर्घटना में देवलोकगमन हो गया है , सभी घटनाओं में साधु साध्वी सड़क किनारे चल रहे होते हैं , ट्रक या भारी वाहन पीछे से टक्कर मार कर निकल जाते हैं । यह दुर्घटना नही अपितु अल्पसंख्यक समुदाय के साधु साध्वियों की सुनियोजित हत्या का षडयंत्र प्रतीत होता है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखकर इसकी जानकारी भेजी है व अल्पसंख्यक जैन समुदाय के साधु साध्वियों की विहार , पद यात्रा में मौत पर जांच की मांग रखी है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने अभी 28 मई की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि पाली, राजस्थान की धरती पर, जैन संत आचार्य पुंडरिक रत्न सुरीश्वर जी महाराज को एक तथाकथित ‘सड़क दुर्घटना’ में हमसे छीन लिया गया। पर क्या यह सच है ? जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे किसी दुर्घटना की ओर नहीं, बल्कि एक क्रूर, सुनियोजित और प्रायोजित हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं ! प्रत्यक्षदर्शी गुरु भगवंतों का दिल दहला देने वाला खुलासा :
पूज्य संतश्री कच्चे रास्ते से विहार कर रहे थे। तभी एक भारी वाहन (ट्रक) पक्की सड़क से उतरकर, जानबूझकर कच्चे रास्ते पर आया, संतश्री को बेरहमी से टक्कर मारी और फिर वापस पक्की सड़क पर चढ़कर फरार हो गया! यह कोई आकस्मिक घटना नहीं हो सकती! यह एक विशेष प्रयोजन के साथ ‘कूल-माइंडेड मर्डर’ है, जिसे अंजाम देने के लिए हत्यारे ने जानबूझकर अपना रास्ता बदला। आज प्रातः ही पूज्य प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनि जी म सा के शिष्य पूज्य श्री अभिनन्दन मुनि जी म सा का बारडोली गुजरात सड़क किनारे एक्सीडेंट में देवलोकगमन हो गया है । ऐसी पिछली कई घटनाओं में समानता है यह अत्यंत चिंताजनक है । पिछले कुछ समय में देश के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर जैन संतों और अन्य साधुओं के साथ, संदिग्ध ‘सड़क दुर्घटनाओं’ की एक श्रृंखला देखी गई है जिनमें कार्यप्रणाली आश्चर्यजनक रूप से समान रही है , तेज रफ्तार भारी वाहन द्वारा टक्कर मारना और फरार हो जाना। यह पैटर्न किसी गहरे षड्यंत्र या संगठित गिरोह की ओर इशारा करता है जो विशेष रूप से हमारे गुरु भगवंतों को निशाना बना रहा है।
गृहमंत्री जी से हमारी न्याय की गुहार और स्पष्ट मांगें
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि संतों के आशीर्वाद से बनी सरकार को साधु संतों की मौतों पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करनी चाहिए । जैन समाज प्रशासन व सरकार से निम्नलिखित तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं – एफआईआर और कठोर धाराएं: इस मामले में तत्काल भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की धारा 101 (हत्या) के अंतर्गत प्राथमिकता से एफ.आई.आर. दर्ज की जाए। साथ ही, बी.एन.एस. की धारा 106(2) (उतावलेपन या उपेक्षापूर्ण वाहन चलाने से मृत्यु कारित करना और बिना सूचना दिए भाग जाना) एवं आपराधिक षड्यंत्र (बी.एन.एस. में समकक्ष धारा 61(2)) तथा अन्य सुसंगत धाराओं को भी शामिल किया जाए।
SIT जांच : हत्या की आशंका के सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए, मामले की जांच किसी वरिष्ठ, निष्पक्ष एवं तकनीकी रूप से दक्ष पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित कर करवाई जाए। (यह जांच उपरोक्त वर्णित समान घटनाओं के पैटर्न को भी संज्ञान में ले)। यह केवल एक संत की हत्या नहीं है, यह हमारी आस्था पर, हमारी शांतिप्रिय संस्कृति पर और हमारी मानवता पर हमला है। हम न्याय के लिए, अपने संतों की सुरक्षा के लिए और इस देश की आत्मा की रक्षा के लिए हम प्रशासन से अपील करते हैं कि वे इस मामले की गंभीरता को समझें और सख्त कार्यवाही करें ।